क्या भारत की विविधता का सम्मान करना चाहिए: मणिकम टैगोर?
सारांश
Key Takeaways
- भारत की विविधता का सम्मान करना आवश्यक है।
- हिजाब विवाद ने राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया है।
- मणिकम टैगोर की राय में, देश को एकता की आवश्यकता है।
- गरीबी और अमीरी में बढ़ती खाई पर चिंता।
- राजनीति में नफरत का बाजार बंद करने की आवश्यकता।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नियुक्ति वितरण समारोह में एक महिला का हिजाब खींचे जाने को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने भारत में बुर्का पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने इस स्थिति पर कटाक्ष किया और इसे देश के हित के खिलाफ बताया।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "हमें लोगों को उनके कपड़ों, खाने की आदतों, रहने के तरीकों या मान्यताओं के आधार पर एकजुट करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। भारत इस तरह से आगे नहीं बढ़ सकता। यह सभी समुदायों का देश है। हर राज्य, जैसे कि तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश या बंगाल, की अपनी एक अलग पहचान है, और उस विविधता का सम्मान किया जाना चाहिए।"
मणिकम टैगोर ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के कांग्रेस को भंग करने वाले बयान पर भी निशाना साधा। उन्होंने सवाल उठाया, "कांग्रेस को क्यों भंग करना चाहिए? क्या हम महात्मा गांधी का नाम बचाने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए इसे बैन करना चाहिए? केंद्र सरकार गांधी जी का नाम हटाने का प्रयास कर रही है और हम उसे बचा रहे हैं। क्या इसलिए वे कांग्रेस को भंग करना चाहते हैं? शिवराज सिंह चौहान गरीबों का हक छीन रहे हैं और अमीरों को पूरी पूंजी देने का काम कर रहे हैं।"
उन्होंने पीएम मोदी के विदेश यात्रा और अर्थव्यवस्था के मामले में तेजी से आगे बढ़ने के बयान पर प्रतिक्रिया दी, "80 करोड़ हिंदुस्तानी अभी भी राशन ले रहे हैं। भारत में गरीबी बढ़ रही है, केवल 1 प्रतिशत लोग और अमीर हो रहे हैं। इसे विकास नहीं कहते।"
कांग्रेस नेता ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा नीतीश कुमार का समर्थन करने पर कहा, "गिरिराज सिंह नफरत की राजनीति करके ऊंचे पद पर पहुंचे हैं। हमें नफरत के इस बाजार को बंद करना चाहिए।"