क्या भारत किसी से डरता है? अमेरिका के दबाव में नहीं आएगा : शिवराज सिंह चौहान

सारांश
Key Takeaways
- भारत किसी भी विदेशी दबाव से नहीं डरता।
- फसल बीमा राशि का भुगतान अब डिजिटल तरीके से होगा।
- किसानों के हितों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है।
- भारत एक बड़ा बाजार है, जिससे किसानों को लाभ होगा।
- प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के लिए अपने संकल्प को दोहराया।
पूसा, १२ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। नई दिल्ली में किसानों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाग लिया।
उन्होने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में हमने राजस्थान के झुंझुनू के ३० लाख किसानों के खातों में फसल बीमा राशि जमा की, जो कुल ३,२०० करोड़ रुपए थी, और जनवरी से जून तक यह राशि ११ हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। पहले, बीमा कंपनियां इन भुगतानों में देरी करती थीं। कभी-कभी एक साल या उससे भी ज्यादा समय लग जाता था। अक्सर, राज्य सरकारें समय पर अपना हिस्सा साझा नहीं करती थीं, जिससे और देरी होती थी। अब, हमने घोषणा की है कि भुगतान गुप्त रूप से नहीं, बल्कि डिजिटल तरीके से किया जाएगा ताकि सुनिश्चित हो सके कि कोई भी बीमा कंपनी किसानों का पैसा न रोक सके।
उन्होने अमेरिका के टैरिफ के दबाव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत किसी से डरता नहीं, चाहे वह अमेरिका ही क्यों न हो। अमेरिका में इतनी शक्ति नहीं है कि वह हमें हरा सके। किसानों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, सरकार उनके साथ है। भारत एक बड़ा बाजार है, सबकुछ यहीं बन जाएगा। यूरोप-अमेरिका की तुलना में हमारी जनसंख्या अधिक है।
वहीं, एमएसपी कमेटी के सदस्य और भारतीय कृषक समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णवीर चौधरी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि कार्यक्रम में देशभर के राज्यों से किसान उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और अमेरिका के ट्रेड डील मुद्दे पर कहा था कि मैं अपने किसान भाइयों, पशुपालकों, मछुआरों के हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूं। इससे देश के किसानों में अपार खुशी है। यह संदेश पूरे विश्व में गया कि प्रधानमंत्री मोदी अपने किसानों के हितों को सबसे ऊपर रखते हैं। उनके आभार व्यक्त करने के लिए किसान एकजुट हुए हैं।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि देश के किसान तीन माह से इस आशंका में थे कि भारत और अमेरिका व्यापार समझौतों में पीएम किसानों के हितों से समझौता कर सकते हैं। ऐसे में किसानों की सुरक्षा होनी चाहिए। इसके लिए पत्र भी लिखा गया था। लेकिन, पीएम के बयान से आशंका दूर हो गई।