क्या भारत को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी मिलना गौरव की बात है, व्यापार में आएगी तेजी?
सारांश
Key Takeaways
- भारत को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी मिली है।
- यह आयोजन व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ावा देगा।
- अहमदाबाद को वेन्यू के रूप में चुना गया है।
- प्रधानमंत्री मोदी का खेलो इंडिया विजन इस आयोजन का हिस्सा है।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी भारत को मिलने पर, भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने इसे गौरव की बात मानते हुए कहा कि इस आयोजन से व्यापार में तेजी आएगी।
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "भारत को कॉमनवेल्थ की जिम्मेदारी मिलना अत्यंत गौरव की बात है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2030 में कॉमनवेल्थ खेल की मेज़बानी करेगा। यह निश्चित रूप से पीएम मोदी के खेलो इंडिया विजन का हिस्सा है। इससे खेलों को और भी बढ़ावा मिलेगा। अहमदाबाद को इसका वेन्यू चुना गया है। जहां भी इस तरह के आयोजन होते हैं, वहां व्यापार में तेजी की संभावनाएं होती हैं। एक व्यापारी संगठन का प्रतिनिधि होने के नाते, मैं व्यापार की आपार संभावनाओं को देख सकता हूं।"
खंडेलवाल ने पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर हो रहे विवाद पर ममता सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग एसआईआर की प्रक्रिया अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर कर रहा है। यह बात सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी स्पष्ट की थी। चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है। देश में वोटर लिस्ट शुद्ध करने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है। पश्चिम बंगाल में एसआईआर का जो कार्यक्रम चल रहा है, वह किसी भी हालत में रुकने वाला नहीं है। मतदाता सूची पूरी तरह से शुद्ध होगी।"
उन्होंने कहा, "विपक्षी दलों का जो चक्र था, जिसमें वे घुसपैठियों और जो लोग मर गए हैं, उन्हें वोटर लिस्ट का हिस्सा बना देते थे, अब यह सब समाप्त हो रहा है, जिसके कारण विपक्षियों की जमीन खिसक रही है। इसी को लेकर विपक्ष सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते आ रही है।"
पश्चिम बंगाल में 'इंडिया' ब्लॉक के नेतृत्व पर हो रहे असमंजस पर भाजपा सांसद ने कहा, "विपक्ष में राजनीतिक अवसरवादिता है, यही ठगबंधन की असलियत है। वहां पर सवाल है कि नेतृत्व कौन करेगा, जबकि नेतृत्व की क्षमता किसी के पास नहीं है। गठबंधन का अगर किसी को प्रत्यक्ष प्रमाण देखना है, तो पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए का गठबंधन एक जीवंत उदाहरण है, जिसमें सभी दल आपस में एक-दूसरे के साथ समन्वय करते हैं और विजय प्राप्त करते हैं।"