क्या भारत में खनन और निर्माण उद्योग की वृद्धि दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 2-5 प्रतिशत रहेगी?

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क्या भारत में खनन और निर्माण उद्योग की वृद्धि दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 2-5 प्रतिशत रहेगी?

सारांश

भारत का खनन और निर्माण उद्योग वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 2-5 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ आगे बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार, गतिविधियों में बढ़ोतरी और नए आवंटनों से उद्योग में तेजी आने का अनुमान है। जानें इस रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • खनन और निर्माण उद्योग की वृद्धि दर 2-5 प्रतिशत के बीच रह सकती है।
  • निर्यात में 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • सरकारी आवंटनों से गतिविधियों में तेजी आएगी।
  • बेमौसमी बारिश ने खनन को प्रभावित किया है।
  • निर्माण उपकरणों की मांग बढ़ रही है।

नई दिल्ली, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत का खनन और निर्माण उद्योग (एमसीई) वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 2-5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है। यह जानकारी मंगलवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

आईसीआरए की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय निर्माण उपकरण निर्माता संघ (आईसीईएमए) द्वारा जारी प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, गतिविधियों में इजाफे के कारण वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में निर्माण से जुड़े वाहनों की वॉल्यूम 1.43 से 1.47 लाख यूनिट्स रह सकती है।

रिपोर्ट में बताया गया कि निर्माण से जुड़े वाहनों की घरेलू वॉल्यूम वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत कम हुई है, जबकि निर्यात वॉल्यूम सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़ी है।

आईसीआरए को वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में विशेष रूप से सरकार द्वारा नए आवंटन से गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले समय में उद्योगों में औद्योगिक और वेयरहाउसिंग निर्माण की मांग जारी रहेगी, जिससे खनन और निर्माण उद्योग की मात्रा में वृद्धि को बल मिलेगा।

आईसीआरए की कॉर्पोरेट रेटिंग्स की सेक्टर प्रमुख रितु गोस्वामी ने कहा, "देश के कुछ क्षेत्रों में मानसून के जल्दी आने और बेमौसमी बारिश ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में निर्माण और खनन गतिविधियों को बाधित किया, जो इस अवधि के दौरान कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा रिपोर्ट किए गए स्थिर उत्पादन आंकड़ों में भी दिखता है।"

गोस्वामी ने आगे कहा कि नए आवंटनों की धीमी गतिविधि और सड़क निर्माण और जल जीवन मिशन (जेजेएम) परियोजनाओं में मंदी ने अर्थमूवर सेगमेंट की मांग को भी प्रभावित किया है, जो भारतीय एमसीई क्षेत्र की मांग का एक बड़ा हिस्सा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में निर्यात में 31 प्रतिशत की वृद्धि बैकहो लोडर, एक्सकेवेटर और स्किड स्टीयर लोडर के कारण हुई है, इनका कुल निर्यात मात्रा में 76 प्रतिशत का योगदान रहा।

संयुक्त राज्य अमेरिका वैश्विक स्तर पर शीर्ष दो एमसीई बाजारों में से एक है और भारत में निर्मित एमसीई और संबंधित घटकों के लिए शीर्ष पांच निर्यात स्थलों में शुमार है।

रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में पूंजीगत व्यय के लिए 11.2 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) और प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाईजी) जैसी प्रमुख पहलों पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे आगामी तिमाहियों में गतिविधियों में तेजी आएगी।

Point of View

बल्कि देश के विकास में भी योगदान देता है। आईसीआरए की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि आगामी समय में सरकारी आवंटनों के कारण उद्योग में तेजी आने की संभावना है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत में खनन और निर्माण उद्योग की वृद्धि दर क्या है?
भारत का खनन और निर्माण उद्योग वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 2-5 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ आगे बढ़ने की उम्मीद है।
क्या निर्यात में वृद्धि हुई है?
जी हाँ, निर्यात में 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो बैकहो लोडर, एक्सकेवेटर और स्किड स्टीयर लोडर के कारण है।
सरकारी आवंटनों का क्या प्रभाव होगा?
सरकारी आवंटनों से गतिविधियों में तेजी आएगी, जिससे उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
क्या नई आवंटन योजनाएं हैं?
हाँ, जल जीवन मिशन, पीएमजीएसवाई और पीएमएवाईजी जैसी प्रमुख पहलों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
क्या बेमौसमी बारिश का प्रभाव पड़ा है?
हाँ, बेमौसमी बारिश ने निर्माण और खनन गतिविधियों को बाधित किया है।