क्या भारत ने नाटो प्रमुख की टिप्पणियों पर सही प्रतिक्रिया दी?

सारांश
Key Takeaways
- भारत ने नाटो प्रमुख की टिप्पणियों को खारिज किया।
- बातचीत का दावा तथ्यात्मक रूप से गलत पाया गया।
- भारत अपनी ऊर्जा नीति में स्वतंत्रता बनाए रखेगा।
- राष्ट्रीय हितों की रक्षा प्राथमिकता है।
- कूटनीतिक संबंधों में सत्यता महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने शुक्रवार को नाटो महासचिव मार्क रूटे द्वारा की गई उस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के विषय पर बातचीत की। भारत ने इस बयान को 'तथ्यात्मक रूप से गलत' और 'पूरी तरह से निराधार' करार दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को नई दिल्ली में एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, "हमने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर हुई बातचीत पर नाटो महासचिव मार्क रूटे का बयान देखा है। यह बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और पूरी तरह से निराधार है। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से किसी भी समय इस तरह बात नहीं की जैसा कि बताया जा रहा है। ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है।"
उन्होंने आगे कहा, "हम नाटो जैसी महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित संस्था के नेतृत्व से अपेक्षा करते हैं कि वह सार्वजनिक बयानों में ज्यादा जिम्मेदारी और सटीकता बरते। प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को गलत ढंग से पेश करने वाली या ऐसी बातचीत का सुझाव देने वाली अटकलबाजी या लापरवाही भरी टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं, जो कभी हुई ही नहीं।"
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा शिखर सम्मेलन के दौरान सीएनएन पत्रकार क्रिस्टियाने अमनपुर से बात करते हुए रूटे ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूसी तेल आयात पर भारत पर लगाए गए टैरिफ का मास्को पर गहरा असर पड़ रहा है।
नीदरलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री ने बताया कि अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के कदम के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से यूक्रेन रणनीति पर स्पष्टता प्राप्त करने के लिए संपर्क किया था।
रूटे ने अमनपुर को बताया, "इस (टैरिफ) का रूस पर तत्काल प्रभाव पड़ा, क्योंकि इसका मतलब है कि दिल्ली अब मास्को में व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात कर रही है, और नरेंद्र मोदी उनसे पूछ रहे हैं, 'मैं आपका समर्थन करता, लेकिन क्या आप मुझे अपनी रणनीति समझा सकते, क्योंकि अब अमेरिका द्वारा लगाए गए इन 50 प्रतिशत टैरिफ से मैं भी प्रभावित हूं?'"
विदेश मंत्रालय ने नाटो प्रमुख की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए दोहराया कि भारत ऊर्जा के मामले में स्वतंत्र रूप से निर्णय लेना जारी रखेगा।
जायसवाल ने कहा, "जैसा कि पहले कहा गया है, भारत का ऊर्जा आयात भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित और किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करने के लिए है। भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करता रहेगा।"
भारत ने पहले भी नाटो प्रमुख को रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने के किसी भी 'दोहरे मानदंड' के प्रति आगाह किया है।
जुलाई में, रूटे ने अपनी वाशिंगटन यात्रा के दौरान कहा था कि अगर चीन, भारत और ब्राजील रूस के साथ व्यापार जारी रखते हैं तो उन्हें कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
जायसवाल ने 17 जुलाई को एक नियमित मीडिया ब्रीफिंग में कहा था, "हमने इस विषय पर रिपोर्ट्स देखी हैं और घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। मैं दोहराना चाहता हूं कि हमारे लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस प्रयास में हम बाजार में उपलब्ध संसाधनों और मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों से निर्देशित होते हैं। हम इस मामले में किसी भी दोहरे मापदंड के प्रति विशेष रूप से आगाह करते हैं।"