क्या भारत ने राक्षसी वृत्ति को आतंकवाद के रूप में माना और उसके खिलाफ लड़ाई लड़ी? : सीएम योगी
सारांश
Key Takeaways
- भारत की ऋषि परंपरा मन की चंचल वृत्तियों को समझती है।
- योग और राजयोग के माध्यम से सकारात्मकता का संचार।
- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारतीय परंपरा की भूमिका।
लखनऊ, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की ऋषि परंपरा की मान्यता है कि मन, व्यक्ति के बंधन और मोक्ष का कारण है। सद्गुरु रविदास जी ने भी कहा कि "मन चंगा तो कठौती में गंगा," यानी जो व्यक्ति मन की बहुर्मुखी वृत्ति को अंतर्मुखी कर लेगा, वह न केवल आत्मिक संतोष का अनुभव कर सकता है, बल्कि वैश्विक कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त कर सकता है।
उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में जो आतंकवाद, उपद्रव और अराजकता है, इसके पीछे मन की चंचल वृत्तियां हैं। जहां भी अराजकता देखने को मिलती है, वहां पर वही बहुर्मुखी वृत्तियां होती हैं, जो उसे नकारात्मकता की ओर ले जाती हैं। जीवन का एक पक्ष सकारात्मकता की ओर ले जाता है, जबकि दूसरा पक्ष नकारात्मकता की ओर। भारत की परंपरा ने राक्षसी वृत्ति को आतंकवाद के रूप में माना है और भौतिक-आध्यात्मिक स्तर पर इसके खिलाफ लड़ाई भी जारी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में ब्रह्माकुमारीज लखनऊ में विश्व एकता एवं विश्वास हेतु ध्यान (योग) के राज्य स्तरीय उद्घाटन समारोह में अपने विचार साझा किए।
सीएम योगी ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेतृत्व संभालने के बाद भारत की योग विधा को यूएनओ से मान्यता दिलाकर 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता दिलाई थी। पूरा भारत प्रधानमंत्री मोदी के प्रति हृदय से आभारी है कि उन्होंने ऋषि परंपरा के ‘प्रसाद’ योग विधा को वैश्विक मान्यता दिलाई।
सीएम योगी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का जीवन शिक्षक के रूप में भी प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने अपने जीवन में शिक्षक के रूप में कार्य किया और फिर जनसेवा के भाव से पार्षद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक की यात्रा की। उनकी यह यात्रा संघर्ष की एक बड़ी गाथा है, जो हर भारतीय के लिए नई प्रेरणा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़ी बहनों और पदाधिकारियों का अभिनंदन किया और कहा कि वे अपने कार्यक्रमों और राजयोग के माध्यम से सकारात्मक भाव का संचार कर रहे हैं।
सीएम योगी ने राजयोग के प्रशिक्षण की दृष्टि से लखनऊ के प्रशिक्षण केंद्र की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह शानदार केंद्र लगभग बनकर तैयार हो चुका है। यह उत्तर प्रदेश का उत्तम प्रशिक्षण केंद्र बन सकता है, जहां से एक दिन, तीन दिन और साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा सकेंगे।
सीएम ने आशा व्यक्त की कि ब्रह्माकुमारी इस थीम को वर्षभर प्रदेश, देश और दुनिया में ले जाने में सफल होंगे। इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लखनऊ में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने आई थीं। यहां एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने राष्ट्रपति का स्वागत किया।