क्या भारत ने संघर्ष प्रभावित ईरान से तीन और नेपाली नागरिकों को सफलतापूर्वक निकाला?

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क्या भारत ने संघर्ष प्रभावित ईरान से तीन और नेपाली नागरिकों को सफलतापूर्वक निकाला?

सारांश

भारत का 'ऑपरेशन सिंधु' ईरान से नेपाली नागरिकों को सुरक्षित निकालने में सफल रहा है। इस प्रयास की सराहना नेपाल के विदेश मंत्री ने की है। जानिए कैसे यह निकासी अभियान भारत-नेपाल के संबंधों को और मजबूत करता है।

Key Takeaways

  • ऑपरेशन सिंधु के तहत कुल नौ नेपाली नागरिक सुरक्षित रूप से निकाले गए।
  • भारत-नेपाल की मित्रता को और मजबूती मिली है।
  • नेपाल की विदेश मंत्री ने भारत के सहयोग की सराहना की।
  • निकासी अभियान ने संकट में सहयोग का एक उदाहरण प्रस्तुत किया।
  • तेहरान में भारतीय दूतावास ने निकासी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नई दिल्ली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत सरकार द्वारा संचालित ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से नेपाली नागरिकों के तीसरे समूह का स्वागत गुरुवार को नई दिल्ली में स्थित नेपाली दूतावास में किया गया।

इस अभियान के तहत निकाले गए नेपाली नागरिकों की कुल संख्या अब नौ हो गई है, जो भारत-नेपाल की प्रगाढ़ मित्रता और 'पड़ोसी पहले' नीति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

नेपाली दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उल्लेख किया, "दूतावास के अधिकारियों और विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने गुरुवार की सुबह दिल्ली हवाई अड्डे पर ईरान के मसाद से भारत सरकार द्वारा निकाले गए तीन नेपाली युवकों के तीसरे समूह का स्वागत किया। वे बुटवल के लिए रवाना होने की योजना बना रहे हैं।"

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने यह भी पुष्टि की कि कुल 275 लोगों में से 272 भारतीय नागरिक और तीन नेपाली नागरिक सुरक्षित रूप से नई दिल्ली पहुंचे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, "26 जून को 00:01 बजे मसाद से नई दिल्ली पहुंचे एक विशेष विमान से 272 भारतीय और तीन नेपाली नागरिकों को ईरान से निकाला गया। ऑपरेशन सिंधु के तहत 3,426 भारतीय नागरिकों को ईरान से स्वदेश लाया गया है।"

इससे पहले, बुधवार को चार नेपाली नागरिकों का दूसरा समूह, जिनमें गायत्री, उत्सव, सागर और बुद्धि शामिल थे, मशहद से नई दिल्ली पहुंचा। नेपाली दूतावास के अधिकारियों और विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया।

नेपाल के विदेश मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की थी कि ईरान में काम कर रहे दो नेपाली नागरिक, गणेश प्रसाद पोखरेल और सुमन गैरे को भारत सरकार के सहयोग से नई दिल्ली लाया गया।

रिपोर्टों से पता चलता है कि कई नेपाली नागरिक तेहरान के राजनयिक मिशनों और रेस्तरां में काम कर रहे थे। वे वहां पिछले आठ से चौबीस साल से रह रहे थे। नेपाल की अपील के बाद, तेहरान में भारतीय दूतावास ने नेपाली नागरिकों को निकालने में सहायता की।

नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने हाल ही में सोशल मीडिया पर भारत के समर्थन के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने एक्स पर लिखा, "ईरान से नेपाली नागरिकों को निकालने में भारत की त्वरित सहायता के लिए (भारत के विदेश मंत्री) एस. जयशंकर को धन्यवाद। नेपाल के निकासी प्रयासों में भारत का सहयोग नेपाल-भारत संबंधों की मजबूती का प्रतीक है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत का यह कदम न केवल मानवता की सेवा करता है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच रिश्तों को भी मजबूती प्रदान करता है। संकट के समय में एक पड़ोसी देश का सहयोग हमेशा काबिल-ए-तारीफ होता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन सिंधु क्या है?
ऑपरेशन सिंधु भारत सरकार द्वारा ईरान से नागरिकों को सुरक्षित निकासी के लिए चलाया गया अभियान है।
कितने नेपाली नागरिकों को निकाला गया?
अब तक, कुल नौ नेपाली नागरिकों को ईरान से सुरक्षित निकाला गया है।
नेपाली दूतावास ने किस प्रकार का समर्थन किया?
नेपाली दूतावास ने निकाले गए नागरिकों का स्वागत किया और उनकी यात्रा की व्यवस्था में मदद की।
नेपाल के विदेश मंत्री ने किसके लिए आभार व्यक्त किया?
नेपाल के विदेश मंत्री ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का आभार व्यक्त किया।
इस निकासी का महत्व क्या है?
यह निकासी अभियान भारत-नेपाल के रिश्तों की मजबूती का प्रतीक है और संकट में सहयोग का उदाहरण है।