क्या भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल की जेलों से भागे कैदियों की संख्या 67 हो गई?

सारांश
Key Takeaways
- नेपाल की जेलों से 67 कैदियों की गिरफ्तारी हुई है।
- 32 कैदी हाल में पकड़े गए हैं, जिनमें एक महिला भी शामिल है।
- नेपाल में चल रहे प्रदर्शनों ने जेल ब्रेक की घटनाओं को बढ़ावा दिया है।
- सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।
- नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया है।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल की जेलों से भागने वाले कैदियों की गिरफ्तारी की संख्या 67 तक पहुँच गई है।
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने पिछले 24 घंटों में 32 और भगोड़े नेपाली कैदियों को पकड़ लिया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। नेपाल में चल रही अशांति के चलते जेल ब्रेक की घटनाओं के बाद सीमा पर सभी एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।
पुलिस और एसएसबी के अधिकारियों ने बताया कि नेपाल में जेन-जी के विरोध प्रदर्शनों के दौरान भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गए। इस हिंसा के कारण देशभर में 24 से अधिक जेलों से 15,000 से ज्यादा कैदी भाग निकले। इनमें से कई भारत की ओर भागने का प्रयास कर रहे हैं। एसएसबी ने बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, और सिक्किम में तैनात 50 बटालियन के जरिए सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है। गिरफ्तार कैदियों को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है और उन पर विदेशी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
घटनाओं की जानकारी देते हुए एसएसबी ने बताया कि नेपाल के महोत्तरी जिले के जेलेश्वर में मंगलवार रात को जेल ब्रेक हुआ, जिसमें सैकड़ों कैदी भाग गए। काठमांडू के दिल्ली बाजार जेल, रामे छाप जिले की जेल और अन्य स्थानों से भी कैदी फरार हुए। रामे छाप जेल में कैदियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच संघर्ष में गुरुवार को तीन कैदियों की मृत्यु हो गई, जिससे कुल आठ कैदियों की जान जा चुकी है।
नेपाल आर्मी ने जेलों की सुरक्षा संभाली है, लेकिन अराजकता बनी हुई है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा है और कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है।
ज्ञात हो कि चार सितंबर को नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके विरोध में जेनजी सड़क पर उतर आए। साथ ही, जेनजी ने नेपाल सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ भी प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें कई युवाओं की मृत्यु हो गई और कई घायल हो गए, जिनका उपचार अस्पताल में चल रहा है।