क्या भारत-ओमान फ्री ट्रेड एग्रीमेंट अगले तीन महीनों में लागू होगा?
सारांश
Key Takeaways
- सीईपीए के तहत शून्य शुल्क के साथ व्यापार की अनुमति मिलेगी।
- ओमान के बाजारों में भारत के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
- 90 दिनों के भीतर दवा उत्पादों के लिए ऑटोमेटिक एप्रूवल।
- लेबर-इंटेंसिव सेक्टर्स को लाभ होगा।
- बाजारों में पहुंच बढ़ेगी, जिससे एमएसएमई को समर्थन मिलेगा।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को जानकारी दी कि भारत और ओमान के बीच कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईपीए) अगले तीन महीनों में लागू होने की संभावना है। इससे भारत और ओमान के बीच अधिकांश वस्तुओं पर शून्य शुल्क के साथ व्यापार संभव होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "ओमान और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता 2006 में साइन हुआ था और इसके लागू होने में तीन साल लगे थे। इस अनुभव से सीखते हुए, भारत और ओमान ने नए सीईपीए को जल्दी लागू करने का निर्णय लिया है।"
इस समझौते में उन भारतीय दवा उत्पादों और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए 90 दिनों के भीतर ऑटोमेटिक एप्रूवल का प्रावधान है जिन्हें कई देशों द्वारा मान्यता प्राप्त है।
भारत और ओमान का सीईपीए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मस्कट यात्रा के दूसरे दिन साइन हुआ था।
यह समझौता भारत को ओमान के बाजारों में प्रवेश प्रदान करता है, जिसमें ओमान की 98.08 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर जीरो ड्यूटी की पेशकश की गई है, जो वैल्यू के हिसाब से भारत के 99.38 प्रतिशत निर्यात को कवर करती है। इससे लेबर-इंटेंसिव सेक्टर्स को काफी लाभ होगा, रोजगार सृजित होंगे और एमएसएमई, कारीगरों और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को मजबूती मिलेगी।
सीईपीए के तहत टेक्सटाइल, लेदर, फुटवियर, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, मेडिकल डिवाइस और ऑटोमोबाइल जैसे प्रमुख एक्सपोर्ट सेक्टर्स को टैरिफ खत्मभारत की मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट कॉम्पिटिटिवनेस मजबूत होगी। इसके साथ ही हमारे किसानों और छोटे व्यवसायों के हितों की सुरक्षा के लिए भारत के संवेदनशील सेक्टर्स को सुरक्षा दी गई है।
वहीं, भारत ने ओमान के लिए अपनी 77.79 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर टैरिफ कम किया है, जो वैल्यू के अनुसार भारत के ओमान से 94.81 प्रतिशत आयात को कवर करती हैं।
यह समझौता सेवाओं के व्यापार के लिए एक व्यापक और भविष्य के अनुकूल ढांचा प्रदान करता है, जिसमें आईटी, व्यावसायिक और पेशेवर सेवाएं, आरएंडडी, शिक्षा, स्वास्थ्य और ऑडियो-विजुअल सेवाएं शामिल हैं। सीईपीए की एक मुख्य बात यह है कि कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले सर्विस सप्लायर्स के लिए रहने की अनुमति की अवधि को 90 दिन से बढ़ाकर दो साल कर दिया गया है और इसे दो साल और बढ़ाया जा सकता है। इससे दोनों देशों को लाभ होगा।