क्या भारत-पाकिस्तान मैच का समर्थन एनसीपी नेता आनंद परांजपे ने किया?

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क्या भारत-पाकिस्तान मैच का समर्थन एनसीपी नेता आनंद परांजपे ने किया?

सारांश

महाराष्ट्र की राजनीति में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर बहस छिड़ गई है। एनसीपी नेता आनंद परांजपे ने कहा कि आम जनता की भावना पाकिस्तान को भारत में आमंत्रित नहीं करने की है। जानें इस मुद्दे पर क्या कहा गया और किसने क्या प्रतिक्रिया दी।

Key Takeaways

  • आनंद परांजपे ने पाकिस्तान की क्रिकेट टीम को भारत में आमंत्रित न करने की बात कही।
  • मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर समय बर्बाद न करने की सलाह दी।
  • सुप्रिया सुले ने सरकार की नीति पर सवाल उठाया।
  • संजय राउत ने इसे जनभावनाओं के खिलाफ बताया।
  • बाला साहेब ठाकरे का विरोध इस परंपरा को आगे बढ़ाने की बात की गई।

महाराष्ट्र, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक बहस तेज हो गई है। एनसीपी के प्रमुख नेता और पूर्व सांसद आनंद परांजपे ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 व्यक्तियों की जान जाने के बाद आम जनता की भावना यह है कि पाकिस्तान की क्रिकेट टीम को भारत बुलाकर कोई भी वन टू वन सीरीज नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पाकिस्तान हिस्सा लेता है और भारत को मैच खेलना पड़ता है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने आशा जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार जनभावनाओं का सम्मान करेंगे और पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेलेंगे।

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्षी दलों के बयानों को गंभीरता से लेने से इन्कार किया और कहा कि ऐसे मुद्दों पर समय बर्बाद करने की आवश्यकता नहीं है।

वहीं, सुप्रिया सुले ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पहले 'खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते' कहा गया था, तो अब ऐसा क्या बदला कि खेल की इजाजत दी जा रही है? उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के समय में कही गई हर बात मुझे याद है, तब देश की 3 बेंच की कमेटी ने यह कहा था कि हम खून और पानी एक साथ बहने नहीं देंगे, लेकिन अब क्या हुआ है कि इस मैच के लिए सरकार ने सहमति दे दी है? पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदार आतंकियों के देश के साथ मैच खेला जाना एक चौंकाने वाली बात है।

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि जब प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री पाकिस्तान की कमर तोड़ने की बात कर चुके हैं, तो अब 'खून और क्रिकेट' एक साथ कैसे हो सकते हैं? उन्होंने इस मैच को जनभावनाओं के खिलाफ बताते हुए इसे देशद्रोह करार दिया और शिवसेना महिला आघाड़ी द्वारा 14 तारीख को आंदोलन की घोषणा की। 'मेरा सिंदूर, मेरा देश' और 'सिंदूर के सम्मान में शिवसेना मैदान में' जैसे नारे इस आंदोलन का हिस्सा होंगे।

राउत ने यह भी कहा कि भाजपा नेताओं के बच्चे अबू धाबी जाकर मैच का आनंद लेंगे, जबकि आम जनता के परिवार आतंकवाद से पीड़ित हैं। उन्होंने याद दिलाया कि बाला साहेब ठाकरे हमेशा भारत-पाकिस्तान के बीच मैच का विरोध करते थे और यह परंपरा आगे बढ़नी चाहिए।

पीआईएम/डीएससी

Point of View

यह कहना उचित है कि भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच जैसे मुद्दे पर जनभावनाओं का सम्मान करना आवश्यक है। खेल और राजनीति को अलग रखना चाहिए, लेकिन जब भावनाएँ इतनी गहरी हों, तो सरकार को सचेत रहना चाहिए।
NationPress
11/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत-पाकिस्तान मैच का समर्थन किसने किया?
एनसीपी नेता आनंद परांजपे ने भारत-पाकिस्तान मैच का समर्थन किया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के बयानों को गंभीरता से लेने से इंकार किया।