क्या भारत-रूस के बीच सांस्कृतिक, पर्यटन, और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ेगा?

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क्या भारत-रूस के बीच सांस्कृतिक, पर्यटन, और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ेगा?

सारांश

भारत और रूस के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन ने सांस्कृतिक, पर्यटन और विज्ञान में सहयोग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। दोनों देशों ने उभरती प्रौद्योगिकियों के सहयोग, शिक्षा के क्षेत्र में संबंधों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के महत्व पर चर्चा की, जो भविष्य में मजबूत साझेदारी की ओर ले जाएगा।

Key Takeaways

  • भारत और रूस के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ।
  • उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग पर जोर दिया गया।
  • शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की योजनाएं बनाई गईं।
  • फिल्म उद्योग में सहयोग के लिए नए अवसरों की खोज की गई।
  • पर्यटन के क्षेत्र में वीजा संबंधी औपचारिकताओं के सरलीकरण का स्वागत किया गया।

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन ने भारत और रूस के संबंधों को एक नई दिशा दी है। इस दौरान दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार-से-सरकार, शिक्षा जगत और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।

दोनों पक्षों ने उभरती प्रौद्योगिकियों और उन्नत विनिर्माण के लिए महत्वपूर्ण खनिजों के रणनीतिक महत्व को स्वीकार करते हुए महत्वपूर्ण खनिजों और दुर्लभ मृदाओं की खोज, प्रसंस्करण और रिसाइक्लिंग प्रौद्योगिकियों में सहयोग को मजबूत करने में रुचि दिखाई।

विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में संयुक्त अनुसंधान के महत्व पर बल देते हुए दोनों पक्षों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सहयोग के रोडमैप के अंतर्गत सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया। वे संयुक्त अनुसंधान एवं विकास तथा प्रौद्योगिकियों के विकास सहित नवीन प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए दोनों देशों के स्टार्ट-अप उद्योगों और लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए अवसरों का लाभ उठाने हेतु सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग को सुगम बनाने पर सहमत हुए।

उन्होंने डिजिटल प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग को और विकसित करने में अपनी रुचि की पुष्टि की, जिसमें सूचना रक्षण, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और कानून प्रवर्तन से संबंधित क्षेत्र शामिल हैं। दोनों पक्ष ज्ञान के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण और नवप्रवर्तकों एवं उद्यमियों की अधिक सहभागिता को सक्षम बनाने हेतु स्टार्ट-अप उद्योगों के लिए सॉफ्ट सपोर्ट कार्यक्रमों को डिजाइन और कार्यान्वित करने पर सहमत हुए।

विज्ञान और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारत एवं रूस के बीच परस्पर संबंधों के मौजूदा समृद्ध अनुभव को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने शैक्षिक और वैज्ञानिक संगठनों के बीच साझेदारी संबंध विकसित करने में पारस्परिक रुचि व्यक्त की, जिसमें विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक गतिशीलता, शैक्षणिक कार्यक्रमों, वैज्ञानिक और अनुसंधान परियोजनाओं का कार्यान्वयन और विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, सम्मेलनों, सेमिनारों का आयोजन शामिल है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचारों में संयुक्त अनुसंधान के महत्व पर बल देते हुए दोनों पक्षों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचारों में भारतीय-रूसी सहयोग के रोडमैप के ढांचे के भीतर सहयोग का विस्तार करने की अपनी तत्परता की पुष्टि की।

दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि सांस्कृतिक संपर्क और जन-जन का आदान-प्रदान भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने दोनों देशों में आयोजित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक मंचों, पुस्तक मेलों, त्योहारों और कला प्रतियोगिताओं में भागीदारी की सराहना की और भारतीय और रूसी संस्कृति के पूर्ण प्रदर्शन के उद्देश्य से अपने देशों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान समारोहों के समानता के आधार पर आयोजन का स्वागत किया।

दोनों पक्षों ने फिल्म उद्योग में सहयोग का विस्तार करने के विचार का समर्थन किया, जिसमें संयुक्त फिल्म निर्माण का विकास और भारत एवं रूस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में आपसी भागीदारी शामिल है।

दोनों पक्षों ने रूस और भारत के बीच पर्यटकों के आदान-प्रदान में निरंतर वृद्धि की सराहना की और दोनों देशों द्वारा ई-वीजा की शुरुआत सहित वीजा संबंधी औपचारिकताओं के सरलीकरण का स्वागत किया। वे भविष्य में वीजा व्यवस्था को और सरल बनाने के लिए कार्य जारी रखने पर सहमत हुए।

दोनों पक्षों ने भारत और रूस के विशेषज्ञों, विचारकों और संस्थानों के बीच बढ़ते आदान-प्रदान और संपर्कों की सराहना की। पिछले कुछ वर्षों में, इस संवाद ने भारत और रूस के रणनीतिक और नीति-निर्माता समूहों और व्यवसायों के बीच आपसी समझ को बढ़ाया है, ताकि रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया जा सके।

शिक्षा के क्षेत्र में भारत और रूस के बीच पारंपरिक रूप से मजबूत सहयोग को मान्यता देते हुए दोनों पक्षों ने छात्रों का हित सुनिश्चित करने के प्रयासों की सराहना की और विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों के बीच शैक्षणिक संबंधों को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारत और रूस के बीच बढ़ता सहयोग न केवल हमारे दोनों देशों के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है। यह संबंध न केवल सांस्कृतिक और वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह हमारे राजनीतिक और आर्थिक हितों को भी मजबूत करता है।
NationPress
07/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत-रूस शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, पर्यटन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग को बढ़ावा देना था।
इस सम्मेलन में क्या निर्णय लिए गए?
सम्मेलन में उभरती प्रौद्योगिकियों और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
भारत और रूस के छात्रों के लिए क्या योजनाएं बनाई गई हैं?
शिक्षा के क्षेत्र में छात्र हित सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थानों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने की योजनाएं बनाई गई हैं।
क्या सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए कोई कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा?
हां, दोनों देशों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान समारोहों का आयोजन किया जाएगा।
क्या फिल्म उद्योग में भी सहयोग होगा?
जी हां, फिल्म उद्योग में सहयोग का विस्तार करने का विचार भी चर्चा में रहा है।
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