क्या भारत में सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट डिजाइन लीडरशिप फोरम का लॉन्च एक नई क्रांति लाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट डिज़ाइन में भारत को वैश्विक नेता बनाने के प्रयास।
- 80 से अधिक हितधारकों की भागीदारी।
- 50 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता की योजनाएं।
- डीएलआई योजना के अंतर्गत 15 करोड़ रुपए तक का प्रोत्साहन।
- भारत का सेमीकंडक्टर बाजार में वृद्धि की संभावनाएँ।
नई दिल्ली, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चिप डिजाइन, बौद्धिक संपदा (आईपी) निर्माण और उच्च मूल्य वाले नवाचार में भारत को वैश्विक नेता बनाने के उद्देश्य से सोमवार को सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट डिजाइन लीडरशिप फोरम की शुरुआत की गई।
इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) द्वारा स्थापित इस मंच का मुख्य उद्देश्य पूंजी, उन्नत ईडीए टूल्स, आईपी अधिग्रहण, वैश्विक सहयोग और विशेष सेमीकंडक्टर डिज़ाइन प्रतिभा की पहुंच में महत्वपूर्ण बाधाओं को दूर करना है।
इस मंच का लक्ष्य भारतीय इंजीनियरों के लिए देश में नवाचार और आईपी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक सक्षम वातावरण तैयार करना है, जिससे कि भारत एक वैश्विक सेमीकंडक्टर डिज़ाइन इकोसिस्टम की दिशा में अग्रसर हो सके। इस प्रकार, आईसीईए फोरम डिज़ाइन-लिंक्ड प्रोत्साहन (डीएलआई) योजना और अन्य नीतिगत पहलों का समर्थन करेगा।
इस कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने कहा, "जैसे-जैसे हम इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के माध्यम से फैब्रिक्स और मैन्युफैक्चरिंग में निवेश कर रहे हैं, यह आवश्यक है कि हम डिज़ाइन इकोसिस्टम को भी मजबूती प्रदान करें, क्योंकि यहीं वास्तविक मूल्य, स्वायत्तता और संप्रभुता निहित है।"
फोरम के अध्यक्ष, संदीप कुमार ने कहा कि फैबलेस कंपनियों, आईपी संस्थानों, टूल विक्रेताओं, सप्लाई चेन, मार्केटिंग और फंडिंग एजेंसियों को एक साथ लाकर, हमारा लक्ष्य संरचनात्मक कमियों को दूर करना है।
इस फोरम में 80 से अधिक हितधारकों ने भाग लिया, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नीति आयोग और वैश्विक फर्मों के अधिकारी शामिल थे।
इस कार्यक्रम में घरेलू प्रोडक्ट डिज़ाइन कंपनियों, डीएलआई-मान्यता प्राप्त फर्मों, प्रारंभिक चरण के डिज़ाइन स्टार्टअप और वैश्विक सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम कंपनियों सहित सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के हितधारकों ने भाग लिया।
आईसीईए के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने कहा, "आईसीईए सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट डिज़ाइन लीडरशिप फोरम हमारे इस विश्वास को दर्शाता है कि भारत को न केवल मैन्युफैक्चरिंग में, बल्कि चिप नवाचार में भी अग्रणी होना चाहिए। इस पहल के साथ, हम अगले दशक में 500 सफल सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट डिज़ाइन कंपनियों के विकास को गति देने की कल्पना करते हैं।"
50 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली सरकारी योजनाओं के समर्थन से, भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2024-25 में 45-50 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 100-110 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
सेमीकंडक्टर फैब्स स्कीम और योजना डिस्प्ले फैब्स स्कीम अपने-अपने क्षेत्रों में आने वाली परियोजनाओं के लिए 50 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। डीएलआई योजना प्रत्येक चिप डिज़ाइन स्टार्टअप के लिए 15 करोड़ रुपए तक का प्रोत्साहन प्रदान करती है।