क्या भारतीय सेना को नई ताकत मिलने वाली है? 212 आधुनिक टैंक ट्रांसपोर्टर ट्रेलरों के लिए करार

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय सेना ने 212 आधुनिक टैंक ट्रांसपोर्टर ट्रेलरों का करार किया है।
- इन ट्रेलरों की लागत 223.95 करोड़ रुपए है।
- ट्रेलर हाइड्रॉलिक-न्युमैटिक लोडिंग रैम्प से लैस हैं।
- यह करार आत्मनिर्भर भारत पहल का हिस्सा है।
- सेना की लॉजिस्टिक्स और संचालनिक क्षमताओं में वृद्धि होगी।
नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना को नई पीढ़ी के टैंक ट्रांसपोर्टर ट्रेलर प्राप्त होंगे। ऐसे 212 ट्रेलरों के लिए सेना ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं।
सेना द्वारा खरीदे गए ट्रेलर न केवल आधुनिक होंगे, बल्कि इनमें हाइड्रॉलिक-न्युमैटिक लोडिंग रैम्प और स्टियरेबल व लिफ्टेबल एक्सल जैसी सुविधाएं भी होंगी। इससे सेना के टैंकों और अन्य बख्तरबंद वाहनों को विभिन्न प्रकार के दुर्गम और चुनौतीपूर्ण भौगोलिक क्षेत्रों में तेजी से और कुशलता से ले जाया जा सकेगा।
सेना का मानना है कि ये उन्नत गतिशीलता समाधान फील्ड आर्मी के लिए फोर्स मल्टीप्लायर का कार्य करेंगे। इससे सेना की लॉजिस्टिक्स और संचालनिक क्षमताओं में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। भारतीय सेना ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का समर्थन करते हुए यह कदम उठाया है। इसके तहत भारतीय सेना ने एम/एस ऐक्सिसकेड्स एयरोस्पेस एंड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ यह करार किया।
इस समझौते के अनुसार, सेना को 212 अत्याधुनिक 50 टन टैंक ट्रांसपोर्टर ट्रेलरों की आपूर्ति की जाएगी। इन ट्रेलरों के लिए 223.95 करोड़ रुपए का अनुबंध किया गया है। यह समझौता स्वदेशी खरीद श्रेणी के अंतर्गत किया गया है, जो रक्षा विनिर्माण में स्वदेशीकरण की प्रतिबद्धता को और मजबूत बनाता है। सेना के मुताबिक, ये नए ट्रेलर दुर्गम क्षेत्रों में सैन्य उपकरणों को तेजी से पहुंचाने में मदद करेंगे।
यह स्वदेशी खरीद न केवल भारतीय रक्षा उत्पादन पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करती है, बल्कि स्थायी रोजगार का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगी। यह भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता को और मजबूत करने और भविष्य की चुनौतियों के लिए मजबूत क्षमताओं के निर्माण के निरंतर प्रयासों का स्पष्ट प्रमाण है।
गौरतलब है कि हाल ही में जुलाई में भारतीय सेनाओं को आधुनिक हथियारों और उपकरणों से सुसज्जित करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ी पहल की थी। इस पहल के तहत 1.05 लाख करोड़ की स्वदेशी खरीद परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इससे भारतीय सेनाओं का एयर डिफेंस सिस्टम मजबूत होगा। इस मंजूरी के तहत तीनों सेनाओं थल सेना, नौसेना और वायुसेना को आवश्यक उपकरण और हथियार मुहैया कराए जाएंगे।