क्या भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में खुला है, सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट हुई?

Click to start listening
क्या भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में खुला है, सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट हुई?

सारांश

भारतीय शेयर बाजार ने कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते लाल निशान में शुरुआत की है। जानिए सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट के पीछे के कारण और निवेशकों के लिए क्या है खास!

Key Takeaways

  • कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण बाजार में गिरावट आई।
  • निवेशकों को धैर्य बनाए रखना चाहिए।
  • एडवांस-डिक्लाइन रेशियो गिरावट के पक्ष में है।
  • आने वाले ऑटो बिक्री के आंकड़े महत्वपूर्ण होंगे।
  • बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश पर विचार करें।

मुंबई, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार ने लाल निशान में शुरुआत की। इस समय व्यापक बिकवाली के कारण बाजार के प्रमुख बेंचमार्क में गिरावट आई।

लेखन के समय, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 136 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,559.40 पर कारोबार कर रहा था। वहीं एनएसई निफ्टी 48.90 अंक यानी 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,893.20 पर ट्रेड कर रहा था।

इस दौरान निफ्टी के सभी इंडेक्स लाल निशान में थे। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में 0.14 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

सेक्टरवार, निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 0.7 प्रतिशत, निफ्टी पीएसयू बैंक 0.6 प्रतिशत, निफ्टी एफएमसीजी 0.4 प्रतिशत और निफ्टी फार्मा 0.34 प्रतिशत की गिरावट दिखा रहे थे।

निफ्टी पैक में इटरनल, अपोलो हॉस्पिटल, टाटा कंज्यूमर, अल्ट्राटेक सीमेंट, जियो फाइनेंशियल, मैक्स हेल्थकेयर और टाटा स्टील सबसे अधिक नुकसान उठाने वाले शेयरों में शामिल रहे। वहीं, श्रीराम फाइनेंस, टीएमपीवी, हिंडाल्को, बीईएल, अदाणी पोर्ट्स और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स में रहे।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा कि साल के अंत में बाजार में कमजोरी दिख रही है, लेकिन यह बाजार की दिशा में कोई बड़ा बदलाव नहीं दर्शाता। एडवांस-डिक्लाइन रेशियो गिरावट के पक्ष में अधिक रहा, जिससे कल निफ्टी लगभग 100 अंक गिरा। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह गिरावट कम कारोबार में हुई है।

उन्होंने सुझाव दिया कि निवेशकों के लिए बेहतर यही होगा कि वे बाजार पर नजर बनाए रखें और किसी नए ट्रिगर या स्पष्ट दिशा का इंतजार करें। हालांकि, बाजार में आई कमजोरी का फायदा उठाकर अच्छी और मजबूत बड़ी कंपनियों (हाई क्वालिटी लार्जकैप) के शेयरों में धीरे-धीरे निवेश किया जा सकता है।

एक्सपर्ट ने कहा कि आगामी दो दिन में आने वाले ऑटो बिक्री के आंकड़े यह संकेत देंगे कि अर्थव्यवस्था में चल रही खपत की तेजी कितनी टिकाऊ है। आर्थिक विकास के नजरिए से ये आंकड़े महत्वपूर्ण होंगे।

सोमवार को बीएसई सेंसेक्स 345.91 अंक या 0.41 प्रतिशत गिरकर 84,695.54 पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी50 100.20 अंक या 0.38 प्रतिशत गिरकर 25,942.10 पर क्लोज हुआ।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि शेयर बाजार में गिरावट केवल एक अस्थायी स्थिति हो सकती है। निवेशकों को धैर्य बनाए रखना चाहिए और संभावनाओं का मूल्यांकन करना चाहिए।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का कारण क्या है?
गिरावट का मुख्य कारण कमजोर वैश्विक संकेत और व्यापक बिकवाली है।
निवेशकों को इस स्थिति में क्या करना चाहिए?
निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए और स्थायी कंपनियों के शेयरों में धीरे-धीरे निवेश करने पर विचार करना चाहिए।
क्या यह गिरावट लंबी अवधि के लिए है?
यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, और नए साल में बाजार में स्थिति में सुधार देखा जा सकता है।
Nation Press