क्या भारतीय नौसेना का स्क्वाड्रन सेशेल्स पहुंचा? ‘महासागर’ दृष्टि को मिला नया आयाम

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय नौसेना का स्क्वाड्रन सेशेल्स पहुंचा है।
- द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई गतिविधियों का आयोजन होगा।
- यह यात्रा महासागर दृष्टि के अनुरूप है।
- आईएनएस तीर और आईएनएस शार्दुल का महत्व है।
- समुद्री सहयोग को बढ़ावा देने का प्रतीक है।
नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नौसेना के समुद्री जहाज पोर्ट विक्टोरिया, सेशेल्स पहुंचे हैं। नौसेना के अनुसार, ये नौसैनिक जहाज लॉन्ग रेंज ट्रेनिंग डिप्लोयमेंट के अंतर्गत विक्टोरिया, सेशेल्स आए हैं। यहां आने वाले जहाजों में भारतीय नौसेना का आईएनएस तीर और आईएनएस शार्दुल शामिल हैं। इसके साथ ही भारतीय तटरक्षक पोत सारथी भी इस बेड़े का हिस्सा है।
आईएनएस तीर और आईएनएस शार्दुल भारतीय नौसेना के पहले ट्रेनिंग स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर क्षेत्र में यात्रा करते हुए तीनों भारतीय जहाज पोर्ट विक्टोरिया, सेशेल्स पहुंचे हैं।
रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पोर्ट पर आगमन के समय सेशेल्स डिफेंस फोर्स बैंड ने भारतीय जहाजों का गर्मजोशी से औपचारिक स्वागत किया। वहीं, भारतीय नौसेना के गार्ड और बैंड ने भी पूरे सम्मान के साथ परेड कर दोनों देशों के बीच गहरे समुद्री रिश्तों और मित्रता का प्रतीक प्रस्तुत किया। अब यहां दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच विभिन्न द्विपक्षीय कूटनीतिक और पेशेवर गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
भारतीय नौसेना के इन जहाजों की यात्रा के दौरान प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के वरिष्ठ अधिकारी कैप्टन टिजो जोसफ यहां वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। वह सेशेल्स सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, सेशेल्स डिफेंस फोर्स नेतृत्व और भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधियों से भी संपर्क करेंगे। इस दौरान व्यावसायिक आदान-प्रदान, क्रॉस-डेक विजिट और प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
दोनों देशों के प्रतिनिधियों के लिए सांस्कृतिक और सामुदायिक कार्यक्रम भी रखे जाएंगे। दौरे को और व्यापक बनाने के लिए योग सत्र, नौसैनिक बैंड की प्रस्तुतियां, खेल प्रतियोगिताएं और सामाजिक संपर्क कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इन आयोजनों का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं और नागरिक समाज के बीच आपसी समझ और सहयोग को गहरा करना है।
रक्षा मंत्रालय का मानना है कि यह दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग का प्रतीक है। यह वर्ष 2025 में भारतीय नौसेना के जहाजों का सेशेल्स का तीसरा दौरा है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय नौसैनिक संबंधों और समुद्री सहयोग को रेखांकित करता है। यह यात्रा भारत की हिंद महासागर क्षेत्र में व्यापक ‘महासागर’ दृष्टि के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता और सामूहिक प्रगति है।
इसके अतिरिक्त, भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत आईएनएस तमाल और आईएनएस सूरत भी विभिन्न देशों की यात्रा पर हैं। ये युद्धपोत हाल ही में सऊदी अरब के शहर जेद्दा पहुंचे थे। भारतीय नौसेना के युद्धपोतों ने यहां रॉयल सऊदी नेवल फोर्सेज और सऊदी बॉर्डर गार्ड्स के साथ कई खेल मुकाबलों व अन्य गतिविधियों में भाग लिया।
नौसेना के अनुसार, यह यात्रा भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा सहयोग और मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करने का प्रतीक है। दोनों नौसेनाओं ने इस अवसर पर सर्वोच्च अनुभव साझा किए और भविष्य में और अधिक सहयोग के रास्ते भी तलाशे गए। इस दौरे से हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग, सुरक्षा और साझेदारी को नई दिशा मिली है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, समुद्र में भारत-सऊदी के बीच यह एक बड़ा और महत्वपूर्ण सहयोग रहा है। आईएनएस सूरत एक नवीनतम गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है। यह युद्धपोत भारतीय नौसैनिक क्षमता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। वहीं, आईएनएस तमाल भारत का नवीनतम युद्धपोत है, जिसे 1 जुलाई को नौसेना में कमीशन किया गया है। यह युद्धपोत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस है और इसमें वर्टिकल लॉन्च सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भी हैं।