क्या भाजपा ने 2026 के बंगाल चुनाव से पहले सीएम ममता बनर्जी पर दंगे भड़काने का आरोप लगाया?
सारांश
Key Takeaways
- ममता बनर्जी पर भाजपा ने सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया है।
- 2026 के चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की हार का डर सता रहा है।
- भाजपा का कहना है कि ममता बनर्जी ने विवादित बयानों पर चुप्पी साध रखी है।
- राजनीतिक टकराव के बीच, दोनों दल चुनावी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
- ममता बनर्जी की चुप्पी को सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का संकेत माना जा रहा है।
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला करते हुए उन पर सांप्रदायिक राजनीति के माध्यम से हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच जानबूझकर दंगे भड़काने का आरोप लगाया। भाजपा के अनुसार, ममता बनर्जी को 2026 के राज्य विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की हार का डर सता रहा है।
भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने टीएमसी विधायक मदान मित्रा के विवादित बयान पर ममता बनर्जी की चुप्पी पर सवाल उठाया। मदन मित्रा पर आरोप है कि उन्होंने कहा था कि “भगवान राम मुस्लिम थे, हिंदू नहीं।”
भाटिया ने कहा, “इन आपत्तिजनक बयानों ने करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है, लेकिन ममता बनर्जी पूरी तरह से चुप हैं।”
उन्होंने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री ने मदन मित्रा को टीएमसी से निकाला है या उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की है, जैसे कोई एफआईआर दर्ज कराई गई हो।
भाटिया ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की चुप्पी और निष्क्रियता यह दिखाती है कि वह सांप्रदायिक राजनीति कर रही हैं और हिंदू-मुस्लिम तनाव बढ़ाना चाहती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव से पहले एक खास समुदाय को खुश करने और वोट पक्के करने के लिए टीएमसी नेताओं को ऐसे भड़काऊ बयान देने के लिए उकसाया जा रहा है।
भाटिया ने कहा, “ममता बनर्जी को पता है कि अगला विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी हारने वाली है, इसलिए वह समाज को बांटने की राजनीति कर रही हैं।”
भाटिया ने कहा कि राज्य की गृह मंत्री होने के नाते कानून-व्यवस्था बनाए रखना और शांति कायम रखना मुख्यमंत्री की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, “जो भी व्यक्ति सांप्रदायिक बयान देता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना मुख्यमंत्री का कर्तव्य है, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो।”
भाजपा प्रवक्ता ने ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पुराने मामलों का भी जिक्र किया।
उन्होंने 2019 की एक घटना याद दिलाई, जब कथित तौर पर “जय श्री राम” कहने पर एक व्यक्ति को धमकाया गया था। उन्होंने महाकुंभ को “मृत्यु कुंभ” कहे जाने का भी उल्लेख किया।
भाटिया ने सवाल किया, “ममता बनर्जी और उनके पार्टी नेता हिंदू आस्था और देवी-देवताओं का सम्मान क्यों नहीं करते? क्या वे किसी दूसरे धर्म के बारे में ऐसे बयान देने की हिम्मत कर सकते हैं?”
उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी हिंदुओं को दूसरे दर्जे का नागरिक मानती हैं और कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में ऐसी राजनीति का करारा जवाब देगी।
इन आरोपों से भाजपा और टीएमसी के बीच राजनीतिक टकराव और तेज हो गया है, क्योंकि दोनों दल 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटे हैं।