क्या अमेरिकी टैरिफ की नई चिंताओं ने भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित किया?

Click to start listening
क्या अमेरिकी टैरिफ की नई चिंताओं ने भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित किया?

सारांश

अमेरिकी टैरिफ की नई चिंताओं के चलते भारतीय शेयर बाजार ने शुक्रवार को निराशाजनक शुरुआत की। आईटी और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में बिकवाली का माहौल बना, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट आई। जानिए इस स्थिति का बाजार पर क्या असर पड़ा है।

Key Takeaways

  • भारतीय शेयर बाजार ने अमेरिकी टैरिफ की चिंताओं के चलते गिरावट दर्ज की।
  • निफ्टी और सेंसेक्स में बिकवाली का माहौल बना रहा।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू निवेशकों की खरीदारी बाजार को सहारा दे सकती है।

मुंबई, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी टैरिफ की नई चिंताओं के चलते शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार ने लाल निशान में शुरुआत की। शुरुआती कारोबार में आईटी और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में बिकवाली का माहौल बना रहा।

सुबह लगभग 9.38 बजे, सेंसेक्स में 272.30 अंक या 0.34 प्रतिशत की गिरावट आई, जो 80,350.96 पर कारोबार कर रहा था, वहीं निफ्टी 75.60 अंक या 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,520.55 पर था।

विश्लेषकों का कहना है कि बाजार तकनीकी और बुनियादी दृष्टिकोण से कमजोर बना हुआ है। निफ्टी का लगातार निचला स्तर एक कमजोर संकेत है। बुनियादी दृष्टिकोण से, वित्त वर्ष 26 के लिए आय में कोई तेज वृद्धि के संकेत नहीं मिल रहे हैं।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, "भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवादों के चलते बाजार में मौजूदा नकारात्मक माहौल को देखते हुए, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा नकदी बाजार में बिकवाली जारी रहने की संभावना है। लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की निरंतर खरीदारी एक सकारात्मक संकेत है।"

शुरुआती कारोबार में निफ्टी बैंक 124.90 अंक या 0.22 प्रतिशत गिरकर 55,396.25 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 226.10 अंक या 0.40 प्रतिशत की गिरावट के बाद 56,712.20 पर था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 62.85 अंक या 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,629.80 पर था।

चॉइस ब्रोकिंग की तकनीकी एवं डेरिवेटिव विश्लेषक अमृता शिंदे ने कहा, "निफ्टी की शुरुआत कमजोर रुख के साथ हुई और शुरुआती कारोबार में इसमें लगभग 225 अंकों की गिरावट आई। हालाँकि, इसमें सुधार हुआ और यह 250 अंकों से अधिक उछलकर पिछले दिन के बंद भाव से ऊपर बंद हुआ। सूचकांक ने एक बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न बनाया, जो नए सिरे से खरीदारी की दिलचस्पी और तेजी को दर्शाता है।"

उन्होंने आगे कहा कि तकनीकी दृष्टिकोण से, 24,650 के स्तर से ऊपर लगातार बढ़ने से 24,850 तक की बढ़त का रास्ता खुल सकता है। गिरावट की स्थिति में, तत्काल समर्थन 24,550 पर और उसके बाद 24,400 पर है। ये दोनों नए लॉन्ग पोजीशन के लिए आकर्षक प्रवेश बिंदु प्रदान कर सकते हैं।

इस बीच, सेंसेक्स में भारती एयरटेल, इंफोसिस, बीईएल, इटरनल और एक्सिस बैंक टॉप लूजर्स रहे। जबकि टाइटन, बजाज फाइनेंस, ट्रेंट और बजाज फिनसर्व टॉप गेनर्स रहे।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 7 अगस्त को लगभग 4,997.19 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 10,864.04 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

एशियाई बाजारों में, चीन, जापान और जकार्ता हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि बैंकॉक, सोल और हांगकांग लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।

पिछले कारोबारी सत्र में, अमेरिका का डॉव जोंस 224.48 अंक या 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 43,968.64 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 5.06 अंक या 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6,340 पर और नैस्डैक 73.27 अंक या 0.35 प्रतिशत की बढ़त के साथ 21,242.70 पर बंद हुआ।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच, भारतीय बाजार की स्थिरता बनाए रखना आवश्यक है। हमें विदेशी निवेशकों के साथ-साथ घरेलू निवेशकों के व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए, ताकि हम इस स्थिति से निपट सकें।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी टैरिफ की नई चिंताएँ हैं, जो विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा बिकवाली को बढ़ावा दे रही हैं।
क्या घरेलू निवेशकों की खरीदारी बाजार को संभाल सकेगी?
हाँ, घरेलू संस्थागत निवेशकों द्वारा निरंतर खरीदारी से बाजार में स्थिरता आ सकती है।
निफ्टी का वर्तमान स्तर क्या है?
निफ्टी वर्तमान में 24,520.55 पर कारोबार कर रहा है, जिसमें गिरावट आई है।