क्या जेद्दा से रवाना हुए भारतीय युद्धपोतों ने सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की?

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क्या जेद्दा से रवाना हुए भारतीय युद्धपोतों ने सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की?

सारांश

भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस तमाल और आईएनएस सूरत ने जेद्दा से अपनी यात्रा शुरू की। उन्होंने सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की और सऊदी अरब के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करने का प्रयास किया। जानिए इस महत्वपूर्ण यात्रा के बारे में।

Key Takeaways

  • आईएनएस तमाल और आईएनएस सूरत ने जेद्दा से आगे की यात्रा शुरू की।
  • दोनो ने रॉयल सऊदी नेवल फोर्सेज के साथ सैन्य गतिविधियों में भाग लिया।
  • यह यात्रा भारत और सऊदी अरब के बीच सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने में सहायक होगी।

नई दिल्ली, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक युद्धपोत आईएनएस तमाल और आईएनएस सूरत अब सऊदी अरब के शहर जेद्दा से अपनी यात्रा पर निकल चुके हैं। इन दोनों युद्धपोतों ने जेद्दा से आगे बढ़ने से पहले रॉयल सऊदी नेवल फोर्सेज और सऊदी बॉर्डर गार्ड्स के साथ कई सैन्य और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लिया है। अब ये भारतीय नौसैनिक युद्धपोत अपनी तैनाती के अगले चरण के लिए सऊदी अरब के बंदरगाह से प्रस्थान कर चुके हैं।

आईएनएस तमाल और आईएनएस सूरत के कमांडिंग अधिकारियों ने रॉयल सऊदी नेवल फोर्स के वेस्टर्न फ्लीट कमांडर रियर एडमिरल मंसूर बिन सऊद अल-जुआइद और मक्का क्षेत्र के बॉर्डर गार्ड कमांडर मेजर जनरल फहद बिन माजिद अल-दुआजानी से मुलाकात की। इस दौरान, दोनों पक्षों ने लाल सागर और हिंद महासागर क्षेत्र में गैर-पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की और संयुक्त अभियानों तथा सूचना साझा करने पर जोर दिया।

नौसेना के अनुसार, प्रस्थान से पहले दोनों युद्धपोतों ने रॉयल सऊदी नेवल फोर्स के कॉर्वेट एचएमएस जाजन के साथ एक पासेज एक्सरसाइज की। भारत का नवीनतम युद्धपोत आईएनएस तमाल 1 जुलाई को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। यह युद्धपोत रूस के यंतर शिपयार्ड, कालिनिनग्राद में औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था। तब से यह समुद्र में यात्रा कर रहा है और विभिन्न देशों से होते हुए भारत पहुंचेगा। यह युद्धपोत न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल रक्षा प्रणाली से लैस है और इसमें हेलीकॉप्टर संचालन की बेहतरीन क्षमता है।

इस युद्धपोत को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और वर्टिकल लॉन्च सतह से वायु में मार करने वाली मिसाइल से सुसज्जित किया गया है। युद्धपोत में 100 मिमी मुख्य तोप, हैवी टॉरपीडो और रॉकेट्स की क्षमता है।

गौरतलब है कि पिछले 65 वर्षों में भारत-रूस साझेदारी में यह 51वां युद्धपोत है। इसमें 26 प्रतिशत स्वदेशी प्रणाली, जैसे ब्रह्मोस मिसाइल और हुमसा-एनजी सोनार आदि शामिल हैं। जहाज में लगभग 250 नाविक और 26 अधिकारी हैं। जेद्दा प्रवास के दौरान, भारतीय नौसेना के इन जहाजों ने रॉयल सऊदी नेवल फोर्स और सऊदी बॉर्डर गार्ड के साथ खेल मुकाबलों, मित्रतापूर्ण संवाद और पेशेवर संपर्कों के माध्यम से व्यापक सहभागिता की।

इस अवसर पर भारत के सऊदी अरब स्थित राजदूत डॉ. सुहेल एजाज खान ने भी दोनों युद्धपोतों का दौरा किया। आईएनएस तमाल पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में वरिष्ठ सऊदी अधिकारी, भारत के दूतावास के प्रतिनिधि तथा भारतीय समुदाय के प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे। नौसेना के अनुसार, यह दौरा भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा सहयोग, मैत्रीपूर्ण संबंधों और नौसैनिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। इसके अलावा, इसने दोनों नौसेनाओं को सर्वोत्तम अनुभव साझा करने और भविष्य के सहयोग के नए अवसर तलाशने का अवसर प्रदान किया।

Point of View

बल्कि यह दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को भी नई ऊँचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

आईएनएस तमाल और आईएनएस सूरत कब रवाना हुए?
ये युद्धपोत 1 सितंबर को सऊदी अरब के जेद्दा से रवाना हुए।
इन युद्धपोतों ने किसके साथ मिलकर सैन्य गतिविधियों में भाग लिया?
इन युद्धपोतों ने रॉयल सऊदी नेवल फोर्सेज और सऊदी बॉर्डर गार्ड्स के साथ मिलकर गतिविधियों में भाग लिया।
आईएनएस तमाल किस देश में कमीशन किया गया था?
आईएनएस तमाल को रूस के यंतर शिपयार्ड, कालिनिनग्राद में कमीशन किया गया।