क्या राजस्थान सरकार का 'शुद्ध आहार, मिलावट पर वार' अभियान भीलवाड़ा में मिलावटखोरों पर शिकंजा कस रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- राजस्थान सरकार का अभियान मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने का है।
- भीलवाड़ा में पांच सौ किलो से अधिक मिलावटी मावा जब्त किया गया।
- स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई ने मिलावट के खिलाफ सख्ती दिखाई है।
- मालिक को दो घंटे में क्लेम करने का मौका दिया गया है।
- सैंपल की रिपोर्ट आने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भीलवाड़ा, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान में भीलवाड़ा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए पांच सौ किलो से अधिक संदिग्ध मिलावटी मावा और चालीस किलो देसी घी जब्त की। यह कार्रवाई मिलावट के खिलाफ चल रहे सघन अभियान के तहत शहर के लैंडमार्क होटल के पास की गई।
जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू के आदेश और सीएमएचओ डॉ. सजीव शर्मा की देखरेख में चलाए जा रहे इस अभियान के अंतर्गत इंस्पेक्टर अशोक यादव की टीम ने इस छापेमारी को अंजाम दिया। इंस्पेक्टर यादव ने बताया कि लैंडमार्क होटल के निकट मिलावटी मावे की एक बड़ी खेप के बारे में गुप्त सूचना मिली थी।
टीम मौके पर पहुंची तो उन्हें लावारिस हालत में प्लास्टिक के 13 कट्टे मिले। जांच के दौरान पता चला कि कट्टों में नकली मावा भरा हुआ था। टीम ने तुरंत इस बड़ी मात्रा में मावे और घी को जब्त कर लिया है, और इसके नमूनों को गुणवत्ता जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया है।
हालांकि, कार्रवाई के दौरान मावा और घी का मालिक कौन है और यह खेप कहाँ से आई है, इसका कोई पता नहीं चल पाया। विभाग ने मीडिया के माध्यम से यह संदेश प्रसारित किया है कि यदि कोई व्यक्ति दो घंटे में इसे क्लेम नहीं करता है, तो जब्त सामग्री को नष्ट कर दिया जाएगा और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
भीलवाड़ा में हुई इस बड़ी कार्रवाई के बाद मिलावटी मावा और देसी घी कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग की लगातार और सख्त कार्रवाइयों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मिलावट के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जा रही है।
विभाग अब जब्त मावा और घी के नमूनों की लैब रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। जैसे ही रिपोर्ट में मिलावट की पुष्टि होगी, मालिक पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।