क्या सीआईएसएफ जवानों ने भोपाल एयरपोर्ट पर खोई 4 साल की बच्ची को परिवार से मिलाया?
सारांश
Key Takeaways
- सीआईएसएफ की तत्परता ने एक परिवार को फिर से जोड़ा।
- मानवता की सेवा में सीआईएसएफ का योगदान महत्वपूर्ण है।
- सुरक्षा के साथ-साथ करुणा भी आवश्यक है।
- तत्काल कार्रवाई से बड़ा फर्क पड़ता है।
- इस घटना ने सीआईएसएफ की सेवा भावना को उजागर किया।
भोपाल, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भोपाल हवाई अड्डे पर तैनात सीआईएसएफ के सजग जवानों ने मानवता की एक अद्भुत मिसाल प्रस्तुत की है।
29 अक्टूबर को, उन्होंने एक चार साल की बच्ची को अकेले भटकते देखा और कुछ ही मिनटों में उसे उसके परिवार से सुरक्षित मिलवाया। यह घटना सुरक्षा के साथ-साथ करुणा और जिम्मेदारी का एक बेहतरीन उदाहरण है।
नियमित ड्यूटी के दौरान, क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) को आगमन क्षेत्र में एक छोटी बच्ची अकेली घूमती हुई नजर आई। जवानों ने तात्कालिक कार्रवाई की। उन्होंने बच्ची को सुरक्षा में रखा और सीसीटीवी कंट्रोल रूम को सूचना दी।
सीसीटीवी फुटेज की मदद से पता चला कि बच्ची अपने रिश्तेदारों का स्वागत करने आए एक परिवार के साथ थी। परिवार उसका इंतजार कर रहा था, लेकिन बच्ची भीड़ में अलग हो गई थी। इसी दौरान, हवाई अड्डे के पार्किंग स्टाफ सलमान ने बच्ची को देखा और पहचान लिया। उन्होंने बताया कि यह उनकी भतीजी है।
जवानों ने तुरंत बच्ची के पिता शकील मियां से संपर्क किया। सभी आवश्यक सत्यापन के बाद, बच्ची को उनके पिता को सौंप दिया गया। बच्ची को सुरक्षित पाकर परिवार ने राहत की सांस ली।
शकील मियां ने सीआईएसएफ टीम की त्वरित, संवेदनशील और पेशेवर कार्रवाई के लिए दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "अगर ये जवान न होते तो पता नहीं क्या होता।"
सीआईएसएफ के कमांडेंट ने जवानों की सराहना की और कहा कि यह उनकी ट्रेनिंग और सेवा भावना का परिणाम है। हवाई अड्डे पर ऐसी घटनाएं सामान्य हैं, लेकिन सही समय पर सही कदम उठाने से बड़ा फर्क पड़ता है।
सीआईएसएफ के अनुसार, इस घटना ने साबित कर दिया है कि सीआईएसएफ न केवल हवाई अड्डों की सुरक्षा करती है, बल्कि यात्रियों की हर छोटी-बड़ी परेशानी में भी साथ खड़ी होती है।