क्या वाराणसी में बीएचयू की विदेशी छात्रा की मौत मिर्गी के कारण हुई?

सारांश
Key Takeaways
- विदेशी छात्रा का नाम फिलिप फ्रांसिस्का था।
- वह बीएचयू में पीएचडी कर रही थी।
- पुलिस ने बताया कि उसे मिर्गी की बीमारी थी।
- मौके से कोई सुसाइड नोट या दवा नहीं मिली।
- मामले की जांच चल रही है।
वाराणसी, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक विदेशी छात्रा की संदिग्ध मौत के मामले में उसकी मेडिकल हिस्ट्री सामने आई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस छात्रा को ७ साल की उम्र से मिर्गी की बीमारी थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मौके से कोई दवा या सुसाइड नोट नहीं मिला है।
वाराणसी के चौक थाना क्षेत्र के गढ़वासी टोला इलाके में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की एक विदेशी छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। वाराणसी के दशाश्वमेध घाट के एसीपी अतुल अनजान त्रिपाठी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि मृतका रोमानिया की २७ वर्षीय फिलिप फ्रांसिस्का थी, जो बीएचयू से इंडियन फिलॉसफी में पीएचडी कर रही थी।
एसीपी त्रिपाठी ने कहा कि पुलिस को छात्रा की मौत की सूचना मिली थी। इसके बाद स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और निरीक्षण किया। आसपास के लोगों और दोस्तों से पूछताछ में पता चला कि वह कई वर्षों से वाराणसी में रह रही थी।
उन्होंने बताया कि बीएचयू की छात्रा के दोस्तों ने कहा कि उसे मिर्गी का दौरा पड़ता था और वह इस बीमारी का इलाज करवा रही थी।
दूतावास के जरिए फिलिप फ्रांसिस्का के परिजनों से संपर्क किया गया और मामले की जानकारी दी गई। मामले की पूरी वीडियोग्राफी की गई है। छात्रा का शव मोर्चरी में रखा गया है और उसके परिजनों के आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वर्तमान में, वाराणसी पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। एसीपी त्रिपाठी ने कहा है कि पोस्टमार्टम के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।