क्या हरियाणा सरकार को भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चेतावनी का असर होगा?
सारांश
Key Takeaways
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार को चेतावनी दी है कि स्टेडियमों की मरम्मत आवश्यक है।
- खेल नीति का ध्यान युवा पीढ़ी के विकास पर होना चाहिए।
- खिलाड़ियों को उचित नौकरी और समर्थन मिलना चाहिए।
दिल्ली/चंडीगढ़, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक और बहादुरगढ़ के दो बास्केटबॉल खिलाड़ियों की दुखद मृत्यु के बाद राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने तुरंत स्टेडियमों की मरम्मत नहीं की, तो वे लोगों के साथ मिलकर इसके खिलाफ विरोध में उतरेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोमवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सरकार का खेलों पर कोई ध्यान नहीं है और वे हरियाणा के विकास को रोक रहे हैं।
उन्होंने कहा, "वही देश दुनिया में सबसे आगे है, जो खेलों में आगे है। हमने खेल नीति इस तरह बनाई थी, ताकि हमारी युवा पीढ़ी का ध्यान दूसरी तरफ न भटके। इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रोत्साहन और युवाओं का भविष्य सुरक्षित करना, यही हम चाहते थे। हमने स्कूलों में 'टैलेंट हंट' कार्यक्रम शुरू किए थे, ताकि युवाओं की रुचियों के अनुसार कोच लगाए जा सकें। हमने खिलाड़ियों को डीएसपी रैंक तक की नौकरी भी दी।"
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि वर्तमान सरकार ने एक भी खिलाड़ी को नौकरी नहीं दी। उन्होंने यह भी कहा कि यह किसी भी देश, राज्य या गांव की पहचान होती है कि जहां खिलाड़ी अच्छे होंगे, वही विकास करेगा।
उन्होंने चेतावनीबर्दाश्त के काबिल नहीं है। हुड्डा ने कहा, "मैं राज्य के सभी स्टेडियमों में जाकर वहां लोगों को इकट्ठा करके सरकार को रास्ता दिखाने का काम करूंगा। मुझे मालूम है कि कैसे रास्ता दिखाया जाता है।"
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, "हरियाणा में हुई घटना में सरकार की लापरवाही के कारण हमारे दो बास्केटबॉल खिलाड़ियों की दुखद मौत हुई है। इस बेरहम सरकार ने पिछले 11 वर्षों में खेलों के रखरखाव के लिए कोई बजट नहीं दिया।"
दीपेंद्र हुड्डा ने बताया कि खिलाड़ियों की ओर से खेल के समर्थन में फंडिंग के लिए बार-बार अपील के बावजूद सरकार ने न तो बजट जारी किया है और न ही उनकी चिंताओं पर ध्यान दिया। इस गंभीर मामले के लिए सरकार जिम्मेदार है।