क्या उपराष्ट्रपति चुनाव से एनडीए की ताकत घटी और इंडिया गठबंधन की बढ़ी?

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए की ताकत में कमी आई है।
- इंडिया गठबंधन की ताकत बढ़ी है।
- पंजाब में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है।
- नेपाल में हो रहे प्रदर्शनों पर चिंता।
- केंद्र सरकार के राहत पैकेज की आलोचना।
रायपुर, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का वोट प्रतिशत कम हुआ है।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग के संबंध में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि अगर उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले थे, जबकि सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले हैं। इसका अर्थ यह है कि एनडीए का वोट कम हुआ है। वहीं, इंडिया गठबंधन को पहले 130 से 180 वोट मिले थे, जो अब बढ़कर 300 हो गए हैं। इसका मतलब है कि एनडीए की ताकत में कमी आई है और इंडिया गठबंधन की ताकत में वृद्धि हुई है।
उन्होंने पंजाब में आई भयानक बाढ़ के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि 1986 के बाद इस बाढ़ ने भयानक नुकसान पहुंचाया है। इसमें न केवल लोगों की जान गई है, बल्कि पशुधन को भी क्षति पहुंची है। किसानों को भी बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा है। लाखों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है, और सड़कों तथा पुलों की स्थिति भी खराब है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा 1600 करोड़ रुपए का राहत पैकेज देना मात्र ऊंट के मुंह में जीरे जैसा है। प्रधानमंत्री से उम्मीद थी कि बड़ा राहत पैकेज मिलेगा, लेकिन पंजाब के लोगों के साथ अन्याय किया गया है।
भूपेश बघेल ने नेपाल में हो रहे प्रोटेस्ट पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल में एक समान घटनाएं हो रही हैं। युवाओं के विद्रोह ने सभी को चिंतित किया है। अगर हमारे पड़ोसी देश स्थिर नहीं होंगे, तो इसका प्रभाव हमारे देश पर भी पड़ेगा। नेपाल हमारा पड़ोसी है, और ऐसी घटनाएं हमारे लिए चिंता का विषय हैं। हमें अपने देश में ऐसी स्थिति नहीं देखनी चाहिए।