क्या भूटान के राजा वांगचुक ने दिल्ली धमाके में जान-माल की हानि पर संवेदना व्यक्त की?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली धमाके पर भूटान के राजा ने संवेदना व्यक्त की।
- भारत-भूटान संबंध को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता।
- 1020 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन।
- प्रधानमंत्री मोदी ने चौथे नरेश के योगदान की सराहना की।
- दोनों देशों के लोगों के दिलों में बसी मित्रता।
थिम्पू, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय भूटान यात्रा पर हैं। इसी संदर्भ में, पीएम मोदी ने मंगलवार को थिम्पू में भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ संवाद किया।
भूटान के राजा वांगचुक ने दिल्ली धमाके में हुई जान-माल की हानि पर गहरी संवेदना व्यक्त की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायवाल के अनुसार, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति पर विचार-विमर्श किया और सहयोग को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
इससे पूर्व, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने संयुक्त रूप से 1020 मेगावाट की पुनात्सांगचु-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया। यह परियोजना भूटान की विद्युत उत्पादन क्षमता को 40 प्रतिशत तक बढ़ाएगी और दोनों देशों को बिजली की आपूर्ति करेगी। इसके साथ, भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के राजा के साथ भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों से आशीर्वाद प्राप्त किया। भिक्षुओं के मंत्रोच्चार के साथ, उन्होंने पवित्र अवशेषों के लिए प्रार्थना की। मोदी थिम्पू के चांगलिमथांग स्टेडियम में उस ऐतिहासिक समारोह में शामिल हुए, जहाँ भूटान के चौथे नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक का 70वां जन्मदिन मनाया गया।
प्रधानमंत्री ने चौथे नरेश के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके प्रयासों ने भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने कहा, "यह अनोखा संबंध चौथे नरेश की व्यक्तिगत रुचि और बुद्धिमत्ता के कारण लगातार मजबूत हुआ है। उनके मार्गदर्शन से यह संबंध भविष्य में भी गहरा होता रहेगा।"
पीएम मोदी ने वर्तमान नरेश की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "पांचवें नरेश ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया है और उसे नई ऊर्जा प्रदान की है। उनके नेतृत्व में भूटान ने जो प्रगति की है, वह विश्व के लिए प्रेरणादायक है। भारत और भूटान की मित्रता आज पहले से कहीं अधिक मजबूत है।"
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत-भूटान संबंध किसी एक सरकार या व्यक्ति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह दोनों देशों के लोगों के दिलों में बसी हुई मित्रता है।