क्या बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद राजद गरीबों के बीच आवाज बुलंद करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- राजद ने अपनी हार को स्वीकार किया है।
- गरीबों के अधिकारों की पैरवी का संकल्प लिया है।
- महागठबंधन को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा।
- भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
- तेजस्वी यादव ने अपनी सीट बचाई है।
पटना, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मिली कड़ी हार के बाद, राजद ने अपने हार को स्वीकार करते हुए कहा है कि वह गरीबों की पार्टी है और आगे भी गरीबों के बीच उनकी आवाज़ बुलंद करती रहेगी।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने शनिवार को सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर अपने आधिकारिक खाते पर लिखा, "जनसेवा एक अनवरत प्रक्रिया है, एक अंतहीन यात्रा है। इसमें उतार-चढ़ाव आना तय है। हार में विषाद नहीं, जीत में अहंकार नहीं। राष्ट्रीय जनता दल गरीबों की पार्टी है, गरीबों के बीच उनकी आवाज़ बुलंद करती रहेगी।"
विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राजद के नेता तेजस्वी यादव ने अब तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। जबकि विपक्षी दलों का महागठबंधन उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा था। महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी घोषित कर रखा था।
उल्लेखनीय है कि तेजस्वी यादव ने अपनी राघोपुर सीट किसी भी तरह बचा ली, लेकिन इस चुनाव में राजद सहित महागठबंधन को कड़ी हार का सामना करना पड़ा।
बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं। महागठबंधन में शामिल राजद ने 25 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली है। सीपीआई (एमएल) को 2 सीटें, जबकि सीपीआई (एम) और आईआईपी को एक-एक सीट मिली है।
महागठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया और उसका खाता भी नहीं खुल सका। दूसरी ओर, इस चुनाव में एनडीए को बंपर सीट मिली है। इस चुनाव में भाजपा 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि उसकी सहयोगी जदयू को 85 सीटों पर जीत मिली है। लोजपा (रामविलास) को 19 सीटों पर जीत मिली है, जबकि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) पार्टी को 5 सीटों पर और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4 सीटों पर जीत मिली है।