क्या बिहार चुनाव में मनी पावर और फ्रीबीज पर चुनाव आयोग की कड़ी निगरानी है?

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क्या बिहार चुनाव में मनी पावर और फ्रीबीज पर चुनाव आयोग की कड़ी निगरानी है?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए निर्वाचन आयोग ने धनबल, शराब और फ्रीबीज के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। क्या ये उपाय चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाएंगे? जानें इसके बारे में विस्तार से।

Key Takeaways

  • निर्वाचन आयोग ने चुनाव में धनबल और फ्रीबीज के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
  • सभी प्रवर्तन एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
  • फ्लाइंग स्क्वॉड और सर्विलांस टीमें चौबीसों घंटे सक्रिय रहेंगी।
  • आयोग ने ईएसएमएस नामक ऑनलाइन सिस्टम को सक्रिय किया है।
  • जनता को सूचना देने के लिए सी-विजिल ऐप का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के संदर्भ में भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने चुनावों में धनबल, शराब, नशे और फ्रीबीज के उपयोग पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। आयोग ने इस मुद्दे पर सभी प्रवर्तन एजेंसियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं ताकि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सके।

चुनाव आयोग ने 6 अक्टूबर को बिहार विधानसभा के आम चुनावों और 8 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की घोषणा की थी। अब आयोग ने चुनाव खर्च और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए विशेष निगरानी की व्यवस्था की है।

चुनाव आयोग ने इस अभियान में कई एजेंसियों को शामिल किया है, जिनमें राज्य पुलिस विभाग, आबकारी विभाग, आयकर विभाग, एफआईयू-आईएनडी, आरबीआई, एसएलबीसी, डीआरआई, सीजीएसटी, एसजीएसटी, कस्टम्स, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स, सीआईएसएफ, एसएसबी, बीसीएएस, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, डाक विभाग, वन विभाग और राज्य सहकारी विभाग शामिल हैं।

इन सभी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि चुनाव के दौरान धन, शराब, ड्रग्स या अन्य प्रलोभनों के जरिए मतदाताओं को प्रभावित न किया जा सके।

आयोग ने चुनाव खर्च पर नजर रखने के लिए व्यय पर्यवेक्षकों को पहले ही तैनात कर दिया है। ये अधिकारी अधिसूचना जारी होते ही अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पहुंच गए हैं और वहां व्यय निगरानी से जुड़ी टीमों के साथ समन्वय कर रहे हैं।

चुनाव आयोग ने कहा कि फ्लाइंग स्क्वॉड, सर्विलांस टीमें और वीडियो मॉनिटरिंग टीमें चौबीसों घंटे सक्रिय रहेंगी ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिशों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।

आयोग ने बताया कि उसने इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम (ईएसएमएस) नाम के ऑनलाइन सिस्टम को सक्रिय कर दिया है। इसके जरिए फ्लाइंग स्क्वॉड, सर्विलांस टीमें और अन्य एजेंसियां अपनी द्वारा की गई जप्ती या जब्ती की कार्रवाई की रियल टाइम रिपोर्टिंग कर सकेंगी।

6 अक्टूबर को चुनावों की घोषणा के बाद से अब तक कुल 33.97 करोड़ रुपए मूल्य की नकदी, शराब, ड्रग्स और फ्रीबीज विभिन्न एजेंसियों द्वारा जब्त की जा चुकी हैं।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच और तलाशी के दौरान साधारण नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा या उत्पीड़न नहीं होना चाहिए।

आयोग ने जनता से भी अपील की है कि यदि किसी को पैसे, शराब या अन्य वस्तुओं के वितरण से जुड़ी कोई जानकारी मिले, तो वह सी-विजिल ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकता है।

Point of View

यह कहना उचित है कि निर्वाचन आयोग का यह कदम चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह समय की आवश्यकता है कि चुनावों में धनबल और प्रलोभनों पर सख्ती से नकेल कसी जाए।
NationPress
15/10/2025

Frequently Asked Questions

बिहार चुनाव में मनी पावर के खिलाफ क्या कदम उठाए गए हैं?
निर्वाचन आयोग ने सभी प्रवर्तन एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे मनी पावर के खिलाफ निगरानी रखें।
फ्रीबीज पर रोक क्यों जरूरी है?
फ्रीबीज का वितरण चुनावी निष्पक्षता को प्रभावित करता है, इसलिए आयोग ने इस पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए हैं।
चुनाव आयोग ने क्या विशेष निगरानी की है?
चुनाव आयोग ने व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती की है और फ्लाइंग स्क्वॉड तथा सर्विलांस टीमों को सक्रिय रखा है।