क्या बिहार चुनाव में 'आप' की एंट्री पर अलका लांबा ने केजरीवाल को 'गिरगिट' कहा?

सारांश
Key Takeaways
- आम आदमी पार्टी ने बिहार चुनाव में 11 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं।
- अलका लांबा ने केजरीवाल को गिरगिट कहा है।
- उनका मानना है कि पार्टी केवल वोट काटने आई है।
- उन्होंने दलित उत्पीड़न की घटनाओं का उल्लेख किया।
- सरकार के खिलाफ सतर्क रहने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा 11 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा पर अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ‘आप’ ने सभी सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। उनका यह कदम केवल इंडिया गठबंधन का वोट काटने और एनडीए को विजेता बनाने के लिए है।
अलका लांबा ने आईएएएनएस से कहा, "केजरीवाल गिरगिट की तरह हैं, जो अपने रंग बदलते रहते हैं। उन्होंने अपने आंदोलन को ही कमजोर कर दिया। उन्होंने स्वराज, जन लोकपाल, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार, 'गाड़ी नहीं लूंगा', 'बंगला नहीं लूंगा' जैसे वादों को बर्बाद कर दिया। अब वे बेनकाब हो रहे हैं। अपनी ही पार्टी के संकल्पों पर खरे नहीं उतर पाए। आज उनकी प्राथमिकता केवल कुर्सी, सत्ता और बंगला बन गई है। अब क्या वह सड़कों पर आंदोलन करते हुए दिखते हैं? 10 साल में वे सत्ता में टिक नहीं पाए। अब पंजाब से उम्मीदें लेकर आए हैं, अपने लोगों को राज्यसभा भेज रहे हैं, बंगले मांग रहे हैं। यह सब बातें दिखाती हैं कि वे बेनकाब हो रहे हैं।"
बिहार में 11 उम्मीदवारों की घोषणा पर उन्होंने कहा, "बिहार में कुल 243 सीटें हैं, पर उन्होंने केवल 11 पर ही उम्मीदवार उतारे हैं। क्या वे पूरे बिहार में दिख पाएंगे? कांग्रेस या महागठबंधन के लिए वे वोट काटने वाली ताकत बन सकते हैं, लेकिन उनके 1,000-2,000 वोटों के कारण इंडिया गठबंधन और एनडीए, खासकर भाजपा को फायदा होगा।"
सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने की घटना पर अलका लांबा ने कहा, "यह आरएसएस-भाजपा की मानसिकता है। राहुल गांधी ने भी हमेशा कहा है कि ये लोग दलित विरोधी हैं। वे सहन नहीं कर पा रहे हैं कि एक दलित व्यक्ति सर्वोच्च न्यायपालिका के पद पर पहुंचा है।"
उन्होंने रायबरेली में हाल की दलित उत्पीड़न की घटना का जिक्र करते हुए कहा, "रायबरेली में दलितों को बेरहमी से मारा-पीटा गया। जस्टिस गवई पर हमला इसी सोच का हिस्सा है। यह दिखाता है कि संविधान और दलित अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने वालों के सामने कितने बड़े खतरे हैं।"
अलका लांबा ने कहा, "सरकार बेनकाब हो रही है, लेकिन हमें मजबूती से लड़ना होगा। जस्टिस गवई पर हमला इस बात का सबूत है कि ये लोग बौखला गए हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि हमें सतर्क रहना होगा और एकजुट होकर इन खतरों से लड़ना होगा।