क्या बिहार में एनडीए को बढ़त पर पीएम मोदी ने कांग्रेस के विभाजन की आशंका जताई?
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए को बिहार चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिला है।
- कांग्रेस पिछले चुनावों में 100 सीटें नहीं जीत पाई।
- प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के विभाजन की आशंका जताई।
- बिहार की जनता ने विकास की राजनीति का समर्थन किया है।
- कांग्रेस के भीतर असंतोष बढ़ रहा है।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव में एनडीए को स्पष्ट बहुमत के साथ जीत मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत से जीत मिली है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जिस हरियाणा ने ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों को आगे बढ़ाया, वहां हमें लगातार तीसरी बार सेवा का मौका मिला। इसी प्रकार, महाराष्ट्र की पुण्य भूमि पर भी हमें विजय मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि 25 वर्षों बाद देश की राजधानी में बहुमत से जीतने के बाद बिहार में इतनी बड़ी संख्या में जीत हमारी उपलब्धि है। अगर लोग भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को फिर से चुनते हैं, तो यह एक जन समर्थक और विकास समर्थक एजेंडे का संकेत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 2024 लोकसभा चुनाव के बाद देश के 6 राज्यों में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और इनमें कांग्रेस 100 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि आज के दिन हम जितने विधायक चुनकर आए हैं, वही कांग्रेस पिछले 6 चुनावों में भी नहीं जीत पाई थी।
उन्होंने कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति का उल्लेख करते हुए कहा कि पार्टी के भीतर एक नया धड़ा उभर रहा है जो इस परिस्थिति से असहज है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नामदार जिस दिशा में पार्टी को ले जा रहे हैं, उस पर अंदर ही अंदर निराशा और नाराजगी बढ़ रही है, जिससे एक और बड़ा विभाजन संभव हो सकता है।
पीएम मोदी ने बिहार की जनता को दिए गए प्रचंड जनादेश के लिए सभी कार्यकर्ताओं की ओर से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ये नतीजे यह दर्शाते हैं कि बिहार की जनता और देश के नागरिकों को प्रधानमंत्री पर पूरा विश्वास है और उन्होंने विकास की राजनीति को स्वीकार किया है।