क्या बिहार चुनाव में तेजस्वी की हार तय है, जनता स्थिर और मजबूत नेतृत्व को चाहती है?

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क्या बिहार चुनाव में तेजस्वी की हार तय है, जनता स्थिर और मजबूत नेतृत्व को चाहती है?

सारांश

बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव के संभावित बहिष्कार पर शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि अगर तेजस्वी और कांग्रेस का गठबंधन होता है, तो यह कमजोर होगा। जनता स्थिर और मजबूत नेतृत्व की तलाश में है। जानिए इस पर और क्या कहा गया है।

Key Takeaways

  • तेजस्वी यादव का चुनाव बहिष्कार का इशारा
  • कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन कमजोर होगा
  • मतदाता सूची में पुनरीक्षण का महत्व
  • भारत और यूके का ऐतिहासिक व्यापारिक समझौता
  • पीएम मोदी की कल्याणकारी योजनाओं की सफलता

मुंबई, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव के बहिष्कार का इशारा किया था, जिसके चलते राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई। शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने इस संदर्भ में शुक्रवार को 'इंडी' गठबंधन पर निशाना साधा।

कृष्णा हेगड़े ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "अगर तेजस्वी यादव और कांग्रेस का गठबंधन होता है तो वह अत्यधिक कमजोर होगा। भाजपा, नीतीश कुमार और एनडीए का गठबंधन विपक्ष के मुकाबले मजबूत और स्थायी है। तेजस्वी यादव पहले भी सरकार में रह चुके हैं, लेकिन 25 वर्षों में उनकी पार्टी स्थायी शासन नहीं दे सकी। साथ ही आरजेडी पर कई घोटालों के आरोप हैं, जो जनता के सामने हैं। ऐसे में कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन बने या नहीं बने, उनकी हार तय है। जनता अब स्थिर और मजबूत नेतृत्व को ही चुनना चाहती है।"

चुनाव आयोग द्वारा पूरे देश में मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण कराने की घोषणा पर हेगड़े ने कहा, "जब विपक्ष को एहसास होता है कि वह चुनाव हार रही है, तो वह वोटर लिस्ट के एसआईआर, चुनाव आयोग की प्रक्रिया और बढ़ते वोटर्स पर सवाल उठाने लगती है। लेकिन वे कभी यह स्वीकार नहीं करते कि वे जनता तक नहीं पहुंच सके और जनता ने उन पर विश्वास नहीं जताया। अगर देशभर में वोटर लिस्ट का सत्यापन हो रहा है तो क्या विपक्ष हर राज्य में चुनाव का बहिष्कार करेगा? यह असंभव है। दरअसल, विपक्ष हार की आशंका से घबराकर इन बातों का प्रचार कर रही है।"

भारत और यूके के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड पर हस्ताक्षर की शिवसेना प्रवक्ता ने प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "भारत और यूके के बीच हुआ व्यापारिक समझौता एक ऐतिहासिक कदम है। चाहे वह कृषि हो, शिक्षा हो या अन्य क्षेत्र, इस समझौते से दोनों देशों को लाभ मिलेगा। भारत से एक्सपोर्ट बढ़ेगा और यूके से भारत को तकनीकी सहयोग प्राप्त होगा। यह साझेदारी विभिन्न क्षेत्रों में भारत की स्थिति को मजबूत करेगी। भारत और यूके का रिश्ता ऐतिहासिक रहा है, लेकिन इस बार भारत अग्रणी भूमिका में है और वैश्विक स्तर पर कमांडिंग कर रहा है। भारत का एक्सपोर्ट यूके ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में फैलेगा।"

सर्वाधिक समय तक देश के प्रधानमंत्री रहने के मामले में पीएम मोदी के दूसरे स्थान पर आने की हेगड़े ने प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "पीएम मोदी न केवल भारत के, बल्कि विश्व के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं। देश की जनता ने उन पर तीसरी बार विश्वास जताकर भाजपा और एनडीए को जीत दिलाई है। मोदी ने भाजपा और एनडीए को एक मजबूत ताकत में बदल दिया है। करीब 4,078 दिनों के कार्यकाल में उन्होंने गरीबों, महिलाओं और आम जनता के लिए 180 से 200 तक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और आने वाले समय में नेहरू जी का रिकॉर्ड भी तोड़ेंगे। देश का भरोसा मोदी जी के साथ है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि जनता अब स्थिर और मजबूत नेतृत्व की चाहत रखती है। तेजस्वी यादव का भविष्य अब जनता की प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

तेजस्वी यादव का चुनाव बहिष्कार का क्या असर होगा?
अगर तेजस्वी यादव चुनाव बहिष्कार करते हैं, तो यह उनके और उनकी पार्टी के लिए नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन कितना मजबूत है?
कृष्णा हेगड़े के अनुसार, कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन कमजोर होगा और यह जनता के बीच विश्वास हासिल नहीं कर पाएगा।
भारत और यूके के बीच व्यापारिक समझौते का क्या महत्व है?
यह समझौता भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक अवसर बढ़ेंगे।
पीएम मोदी के कार्यकाल की क्या विशेषताएं हैं?
पीएम मोदी ने गरीबों और महिलाओं के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ी है।
क्या विपक्ष चुनाव का बहिष्कार करेगा?
विपक्ष हार के डर से चुनाव का बहिष्कार करने की बात कर रहा है, लेकिन यह संभव नहीं है।