क्या बिहार चुनाव में करीब 8.5 लाख चुनाव अधिकारी तैनात किए गए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- 8.5 लाख चुनाव अधिकारियों की तैनाती
- मतदाता डाक मतपत्र का उपयोग कर सकते हैं
- 243 विधानसभा सीटों के लिए जनरल ऑब्जर्वर
- ऑब्जर्वर समस्याओं का समाधान करेंगे
- फोन कॉल और ईसीआईनेट ऐप सेवाएं उपलब्ध
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव और छह राज्यों के आठ विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में होने वाले उपचुनावों की घोषणा के बाद, इन चुनावों को सुविधाजनक तरीके से संचालित करने की तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं।
चुनाव आयोग ने गुरुवार को जानकारी दी कि बिहार में चुनाव के विभिन्न चरणों के सुविधाजनक और व्यवस्थित प्रगति के लिए लगभग 8.5 लाख चुनाव अधिकारियों की तैनाती की गई है।
आयोग ने बताया कि तैनात कर्मियों में लगभग 4.53 लाख मतदान कर्मी, 2.5 लाख पुलिस अधिकारी, 28,370 मतगणना कर्मी, 17,875 माइक्रो ऑब्जर्वर, 9,625 सेक्टर अधिकारी, मतगणना के लिए 4,840 माइक्रो ऑब्जर्वर और 90,712 आंगनवाड़ी सेविकाएं शामिल हैं।
चुनाव मशीनरी, जिसमें 90,712 बीएलओ और 243 ईआरओ शामिल हैं, मतदाताओं के लिए फोन कॉल और ईसीआईनेट ऐप के माध्यम से उपलब्ध है, जिसमें बुक-ए-कॉल टू बीएलओ सुविधा शामिल है।
आयोग ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि डीईओ/आरओ स्तर पर किसी भी शिकायत या प्रश्न को दर्ज करने के लिए कॉल सेंटर नंबर +91 (एसटीडी कोड) 1950 भी उपलब्ध है।
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि तैनात सभी कर्मियों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 28ए के प्रावधानों के अनुसार चुनाव आयोग में प्रतिनियुक्ति पर माना जाएगा।
बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए एक-एक जनरल ऑब्जर्वर की नियुक्ति की गई है, जो आयोग के लिए निगरानी करेंगे। इसके अलावा, 38 पुलिस ऑब्जर्वर और 67 खर्च ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।
ऑब्जर्वर अपने-अपने क्षेत्रों में रहेंगे और राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों के साथ नियमित रूप से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
बुधवार को चुनाव आयोग ने यह घोषणा की कि बिहार विधानसभा चुनाव में 85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग मतदाता, दिव्यांगजन और सेवा मतदाता अपने वोट डाक मतपत्र (पोस्टल बैलट) के जरिए डाल सकेंगे।
चुनाव आयोग के एक प्रेस नोट के अनुसार, यह सुविधा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(सी) के तहत दी जाएगी।