क्या बिहार का नया कौशल विश्वविद्यालय युवाओं के भविष्य को बदल देगा?

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क्या बिहार का नया कौशल विश्वविद्यालय युवाओं के भविष्य को बदल देगा?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में युवाओं के कौशल विकास के लिए 'जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय' का उद्घाटन किया। यह पहल स्थानीय युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी। आइए जानते हैं इस विश्वविद्यालय की विशेषताएँ और इसके प्रति राज्य सरकार का दृष्टिकोण।

Key Takeaways

  • नवीनतम पाठ्यक्रम के माध्यम से युवाओं को कौशल प्रदान करेगा।
  • उद्यमशीलता और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देगा।
  • स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा।
  • वैश्विक बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार मानव संसाधन तैयार करेगा।
  • कौशल विकास के क्षेत्र में बिहार को अग्रणी बनाएगा।

पटना, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार में युवाओं के कौशल विकास को एक नई दिशा देने के लिए राज्य के पहले कौशल विश्वविद्यालय “जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय” का उद्घाटन किया।

नई दिल्ली के विज्ञान भवन से आयोजित युवा संवाद और कौशल दीक्षांत समारोह को ऑनलाइन संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस पहल को बिहार के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय राज्य के युवाओं को वैश्विक बाजार की मांगों के अनुसार कौशल प्रदान कर उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाएगा।

बिहार सरकार ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अधिनियम-2025 की धारा-11 के तहत आवश्यक अधिसूचना जारी कर दी है। श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद को विश्वविद्यालय का पहला कुलपति नियुक्त किया गया है, जबकि श्रम आयुक्त राजेश भारती को रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्रारंभिक तौर पर विश्वविद्यालय का संचालन दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान से किया जाएगा। बिहार विधानमंडल ने सर्वसम्मति से “जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक-2025” को स्वीकृति प्रदान की थी।

यह विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में शुरू किए गए सात निश्चय पार्ट-1 और पार्ट-2 के तहत चल रहे कौशल विकास कार्यक्रमों को और विस्तार देगा। बदलते वैश्विक बाजार और तेजी से विकसित हो रहे रोजगार क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए, यह विश्वविद्यालय उन्नत और प्रासंगिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित करेगा।

यह विश्वविद्यालय न केवल कौशल प्रशिक्षण पर ध्यान देगा, बल्कि उद्यमशीलता, व्यावसायिक शिक्षा, शोध और नवाचार को भी बढ़ावा देगा। साथ ही, यह राज्य भर में कौशल विकास से जुड़े संस्थानों को संबद्धता प्रदान करेगा।

बिहार सरकार का मानना है कि इस पहल से राज्य के युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी। यह विश्वविद्यालय बिहार के मानव संसाधन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगा।

राज्य सरकार के अनुसार, यह विश्वविद्यालय बिहार के युवाओं की रोजगार क्षमता में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके जरिए न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि वैश्विक बाजार की जरूरतों के अनुरूप कुशल मानव संसाधन भी तैयार किया जाएगा। यह पहल बिहार को कौशल विकास के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Point of View

बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए उन्हें तैयार करने में भी सहायक होगा। यह पहल देश के कौशल विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना कब हुई?
यह विश्वविद्यालय 4 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया।
दीपक आनंद को किस पद पर नियुक्त किया गया है?
दीपक आनंद को इस विश्वविद्यालय का पहला कुलपति नियुक्त किया गया है।
विश्वविद्यालय का संचालन कैसे किया जाएगा?
प्रारंभ में, यह विश्वविद्यालय दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान से संचालित होगा।
कौशल विश्वविद्यालय का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य युवाओं को वैश्विक बाजार की मांगों के अनुरूप कौशल प्रदान करना है।
यह विश्वविद्यालय किन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देगा?
यह विश्वविद्यालय कौशल प्रशिक्षण, उद्यमशीलता, व्यावसायिक शिक्षा, शोध और नवाचार में प्रशिक्षण देगा।
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