क्या बिहार विधानसभा के नए सत्र से पहले प्रशासन सख्त है, पटना में धारा 163 लागू?
सारांश
Key Takeaways
- धारा 163 लागू होने से प्रशासन को भीड़ पर नियंत्रण का अधिकार मिलेगा।
- पांच या उससे अधिक लोगों का जमावड़ा प्रतिबंधित रहेगा।
- सरकारी कर्मचारियों को पाबंदियों से छूट दी गई है।
- आदेश 1 दिसंबर से प्रभावी होगा।
- प्रदर्शन और धरना पर पाबंदी लगाए गई है।
पटना, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा के नए सत्र की तैयारियों के मद्देनजर पटना जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विधानसभा की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन ने आसपास के क्षेत्र में विशेष पाबंदियां लागू की हैं।
वास्तव में, 1 से 5 दिसंबर तक चलने वाले विधानसभा सत्र के दौरान विभिन्न संगठन, संस्थाएं और राजनीतिक दल अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन, धरना या जुलूस निकालने का प्रयास कर सकते हैं। ऐसे में भीड़ और अफरा-तफरी की आशंका बनी रहती है, जिससे विधानसभा में आने-जाने वाले अधिकृत व्यक्तियों को असुविधा हो सकती है।
इन संभावित हालातों को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया कि सचिवालय थाना क्षेत्र में आने वाले विधानसभा परिसर और आसपास कानून व्यवस्था को मजबूत रखने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू करना आवश्यक है। यह धारा प्रशासन को अस्थायी रूप से भीड़ नियंत्रण और अन्य गतिविधियों पर रोक लगाने का अधिकार देती है ताकि शांति और सुरक्षा बनाए रखी जा सके।
आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पांच या उससे अधिक लोगों का गैरकानूनी जमावड़ा पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। कोई भी धरना, जुलूस, प्रदर्शन या घेराव नहीं किया जाएगा, चाहे वह हथियारों और रोशनी के साथ हो या बिना। इसी प्रकार, आग्नेयास्त्र, गोला-बारूद, विस्फोटक, फरसा, गड़ासा, भाला, चाकू जैसे किसी भी प्रकार के घातक हथियार लेकर चलना पूरी तरह मना है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिना अनुमति लाउडस्पीकर का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित रहेगा, ताकि इलाके में अनावश्यक शोर-शराबा और अव्यवस्था न फैले।
यह पाबंदी जिस क्षेत्र में लागू होगी उसकी सीमाएं भी प्रशासन ने निर्धारित की हैं। उत्तर में चिड़ियाघर के गेट नंबर 1 से विश्वेश्वरैया भवन तक का इलाका शामिल है, जो नेहरू पथ और केरल टी प्वाइंट से होकर गुजरता है। दक्षिण में यह क्षेत्र आर ब्लॉक गोलंबर से लेकर रेलवे लाइन तक फैला है। पश्चिम में चितकोहरा गोलंबर से वेटनरी कॉलेज तक और पूर्व में कोतवाली टी प्वाइंट, बुद्ध मार्ग होते हुए पटना जीपीओ गोलंबर तक का क्षेत्र इस आदेश के दायरे में आएगा।
हालांकि, सरकारी अधिकारी, पुलिस और सैन्य बल के कर्मचारी जो ड्यूटी पर होंगे, उन पर इस आदेश का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसी तरह विधानसभा, विधान परिषद और संसद के सदस्यों को, जिन्हें अधिकृत रूप से सदन में उपस्थित होना है, उन्हें इससे छूट दी गई है। विधानसभा और विधान परिषद में नियुक्त या प्रतिनियुक्त कर्मचारी भी इस दायरे से बाहर रहेंगे। जिन व्यक्तियों के पास विधानसभा सचिवालय या परिषद सचिवालय द्वारा जारी पास होंगे, वे भी मुक्त रहेंगे। इसके अलावा, सरकारी वाहन और वे गाड़ियां, जिन्हें विधान सभा या विधान परिषद से जारी पास मिला है, उन पर भी यह रोक लागू नहीं होगी।
यह पूरा आदेश 1 दिसंबर से प्रभावी होगा और 5 दिसंबर को विधानसभा सत्र खत्म होने तक लागू रहेगा। अनुमंडल दंडाधिकारी गौरव कुमार ने यह आदेश 27 नवंबर को अपने हस्ताक्षर और न्यायालय की मुहर के साथ जारी किया है ताकि समय रहते सभी को इसकी जानकारी मिल सके और सत्र के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचाव हो सके।