क्या भारत संतुलित व्यापार समझौते के लिए अमेरिका, इजरायल, कनाडा समेत 50 देशों से बातचीत कर रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत 50 देशों के साथ संतुलित व्यापार समझौते पर चर्चा कर रहा है।
- ईएफटीए समझौते से 100 अरब डॉलर का निवेश आएगा।
- आत्मनिर्भरता पर जोर दिया जा रहा है।
- भारत की आर्थिक रणनीति में वैश्विक साझेदारी का महत्व है।
- साझेदारी से न्यायसंगत और पारदर्शी व्यापारिक संबंध बनेगा।
नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को बताया कि भारत संतुलित व्यापार समझौते के लिए 14 देशों और समूहों से बातचीत कर रहा है, जिनमें अमेरिका, यूरोपीय संघ, जीसीसी देश, न्यूजीलैंड, इजरायल, यूरेशिया, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों का समूह मर्कोसुर शामिल हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की वार्षिक आम बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम और चार देशों के ईएफटीए ब्लॉक के साथ संतुलित और न्यायसंगत व्यापार समझौते पहले ही समाप्त हो चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाल की भू-राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों के चलते दुनिया में भरोसेमंद साझेदारों और मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं की आवश्यकता महसूस हुई है। इसी दृष्टिकोण के अंतर्गत भारत अपने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट नेटवर्क और आर्थिक साझेदारियों का विस्तार कर रहा है। इसके माध्यम से देश की कोशिश एक न्यायसंगत, पारदर्शी और आपसी लाभकारी व्यापारिक साझेदारी का निर्माण करना है।
गोयल ने भगवद्-गीता और महात्मा गांधी के स्वदेशी वस्तुओं के अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता ने ऐतिहासिक रूप से भारत की प्रगति का मार्गदर्शन किया है और यह देश की आर्थिक रणनीति का केंद्रबिंदु बनी हुई है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत पर ध्यान केंद्रित करने से यह दृष्टिकोण और भी मजबूत हुआ है।
हाल ही में हुए यूरोपीयन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (ईएफटीए) समझौते का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस समूह ने भारत में इनोवेशन और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने रिसर्च और इनोवेश में भारत की लागत प्रतिस्पर्धात्मकता का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में किए जाने वाले उच्च-गुणवत्ता वाले इनोवेशन यूरोप या अमेरिका की तुलना में बहुत कम लागत पर प्राप्त किए जा सकते हैं।
मंत्री ने फिक्की से इनोवेशन को बढ़ावा देने, रिसर्च और विकास को गहरा करने, उद्योग-अकादमिक संबंधों को मजबूत करने और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा का समर्थन करने के लिए एक मिशन-संचालित दृष्टिकोण अपनाने का अनुरोध किया।