क्या संतुलनासन से शरीर और मन का परफेक्ट बैलेंस संभव है?
सारांश
Key Takeaways
- संतुलनासन से शरीर और मन का संतुलन बनता है।
- यह आसन कोर मांसपेशियों को मजबूत करता है।
- एकाग्रता बढ़ाने में मददगार है।
- रोजाना अभ्यास से मानसिक शांति मिलती है।
- सावधानी बरतना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई चाहता है कि उसका शरीर स्वस्थ और मन तनावमुक्त रहे। लेकिन काम का दबाव, गलत पोज़ और चिंता अक्सर इस संतुलन को बिगाड़ देती है। ऐसे में संतुलनासन का अभ्यास मन और शरीर दोनों के बीच संतुलन लाने में मदद करता है।
यह आसन न केवल संतुलन बनाने में सहायक है, बल्कि यह शरीर की कोर, कंधे और टांगों की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है। संतुलनासन का अभ्यास आपकी रीढ़ और गर्दन को लचीला बनाता है और शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है।
मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा के अनुसार, संतुलनासन या बैलेंसिंग पोज शरीर और मन के बीच संतुलन स्थापित करता है। यह आसन सूर्य नमस्कार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और प्रतिदिन एक से दो मिनट का अभ्यास आपको अद्भुत लाभ प्रदान करता है।
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि संतुलनासन करने का सही तरीका क्या है और इसके अभ्यास से क्या-क्या लाभ होते हैं। इसके लिए ताड़ासन मुद्रा में खड़े होकर दाहिना पैर आगे बढ़ाएं और घुटने से मोड़ें। फिर बायां पैर पीछे ले जाएं, पैर की उंगलियां जमीन पर टिकी रहें। इस दौरान पीठ और गर्दन को सीधा रखें और नजरें आगे की ओर। इस स्थिति में 15 से 20 सेकंड तक रहें। फिर उसी तरह से वापस आएं।
संतुलनासन का अभ्यास कैसे करें, इसके साथ ही एक्सपर्ट इसके फायदों के बारे में भी बताते हैं। यह आसन रीढ़ और कंधों को मजबूत और लचीला बनाता है, जो लंबे समय तक बैठने वालों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह टखनों, घुटनों और पैर की उंगलियों को भी मजबूती देता है, जिससे चलने-दौड़ने में बैलेंस बेहतर होता है। यह नर्वस सिस्टम को सक्रिय करता है, जिससे पूरे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। इसके अलावा, यह मन को शांत और स्थिर करता है, जिससे एकाग्रता बढ़ती है।
योग एक्सपर्ट बताते हैं कि संतुलनासन के नियमित अभ्यास से शरीर में हल्कापन और मन में शांति मिलती है। हालांकि, इसमें कुछ सावधानियाँ बरतना भी आवश्यक है। शुरुआत में दीवार का सहारा लेकर या किसी की मदद से यह आसन करना चाहिए। यदि आपको घुटने या कमर में गंभीर दर्द है, तो पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।