क्या मुख्यमंत्री को शब्दों का इस्तेमाल मर्यादा के साथ करना चाहिए? बिहार के मंत्री श्रवण कुमार का ममता बनर्जी को जवाब
सारांश
Key Takeaways
- शब्दों का उचित चयन सभी नेताओं के लिए आवश्यक है।
- राजनीतिक मर्यादाओं का पालन करना चाहिए।
- युवाओं को सक्रियता
- भारत की आर्थिक प्रगति पर सरकार का ध्यान है।
- राजनीति में सम्मान और शिष्टता जरूरी है।
पटना, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मंत्री श्रवण कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणी पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उत्तर दिया है। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री को शब्दों का उपयोग सदैव मर्यादा के साथ करना चाहिए।
श्रवण कुमार ने कहा, "आपत्तिजनक भाषा किसी मुख्यमंत्री या संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए उचित नहीं है। ऐसे शब्दों का उपयोग हमेशा शिष्टता के दायरे में होना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री एक सम्मानित व्यक्ति हैं और संवैधानिक पद पर हैं। किसी राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें नीचा दिखाने के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना अनुचित है।"
उन्होंने नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने की मांग को लेकर जदयू कार्यकर्ताओं की भूख हड़ताल पर कहा, "यह मुद्दा काफी समय से उठाया जा रहा है और हमारे राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने भी स्पष्ट किया है कि यह निशांत कुमार और मंत्रियों पर निर्भर करता है कि वे कब राजनीति में प्रवेश करेंगे और कार्य शुरू करेंगे।"
श्रवण कुमार ने आगे कहा, "जनता चाहती है कि निशांत कुमार जैसे युवा राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए आगे आएं।"
गौरतलब है कि बुधवार को पटना की सड़कों पर एक पोस्टर दिखाई दिया, जिसमें निशांत कुमार को औपचारिक रूप से राजनीति में लाने और जदयू की नेतृत्व उन्हें सौंपने की अपील की गई थी। यह पोस्टर जदयू छात्र विंग के उपाध्यक्ष कृष्णा पटेल ने लगाया था।
भारत के जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर श्रवण कुमार ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए की सरकार लगातार देश की प्रगति में लगी हुई है। हर राज्य, विशेषकर एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, अपने-अपने प्रदेशों की तरक्की के लिए प्रयासरत हैं। इससे अर्थव्यवस्था में सुधार आना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार की मेहनत, सोच और दृष्टि का परिणाम है कि भारत आगे बढ़ रहा है।