क्या 'जी राम जी' योजना से बिहार के मजदूर खुश हैं?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में 125 दिन की मजदूरी सुनिश्चित की गई है।
- योजना से पलायन की समस्या कम होगी।
- गांवों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
- मजदूरों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
- पीएम मोदी की योजनाएं गरीबों के जीवन में सुधार ला सकती हैं।
पटना, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के गरीब मजदूरों ने विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण), जिसे 'वीबी-जी राम जी' बिल के नाम से जाना जाता है, के लिए पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया है। उनका मानना है कि पीएम मोदी की इस योजना से पलायन की समस्या कम होगी और अब रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
मजदूरों का यह भी कहना है कि पहले मनरेगा के तहत मजदूरी से घर का खर्च ठीक से नहीं चल पाता था, जिसके कारण उन्हें अपने परिवार और प्रदेश को छोड़कर पलायन करना पड़ता था, लेकिन जी राम जी बिल में अब 125 दिनों की मजदूरी का प्रावधान किया गया है। अब वे बिहार में अपने बच्चों के साथ रहेंगे।
'जी राम जी' बिल का मुख्य उद्देश्य गांवों को आत्मनिर्भर बनाना और रोजगार व्यवस्था की पुरानी समस्याओं को हल करना है।
बिहार में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले अशोक मिस्त्री ने पीएम मोदी का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की 'जी राम जी' योजना से हम सबको लाभ होगा।
उन्होंने बिहार की पलायन समस्या का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना के माध्यम से निश्चित रूप से पलायन की समस्या समाप्त होगी। पहले हम भी कमाने के लिए दूसरे शहरों में चले जाते थे, लेकिन अब हम बच्चों के साथ अपने गांव में रहकर इस योजना के तहत काम करेंगे। उन्होंने जी राम जी बिल के लिए पीएम मोदी को दिल से धन्यवाद दिया।
जर्नादन प्रसाद सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने जी राम जी बिल लाया है। यह हमारे लिए एक बहुत अच्छी योजना है, जिससे बिहार के मजदूरों को राहत मिलेगी, जो अब तक मनरेगा के तहत कम दिनों की मजदूरी में काम करते थे। इस योजना के तहत 125 दिनों की मजदूरी मिलेगी और गांव में काम करने का अवसर मिलेगा। परिवार को छोड़ने की समस्या का समाधान होगा। मेरे परिवार के लोग भी बहुत खुश हैं।
विकसित भारत-रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण) विधेयक में ग्रामीण रोजगार गारंटी को 100 से 125 दिनों तक बढ़ा दिया गया है। यह रणनीतिक, टिकाऊ अवसंरचना निर्माण पर जोर देता है और विकसित ग्राम पंचायत योजनाओं से स्थानीय समन्वित योजना को मजबूती प्रदान करता है।