क्या बिहार और केंद्र सरकार युवाओं के हित में ठोस कदम उठा रही हैं? : शांभवी चौधरी

सारांश
Key Takeaways
- युवाओं के रोजगार के लिए 1 करोड़ नौकरियों की घोषणा।
- महाभियोग प्रस्ताव न्यायपालिका की विश्वसनीयता के लिए जरूरी।
- मतदाता सूची पुनरीक्षण केवल भारतीय नागरिकों के लिए।
पटना, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोक जनशक्ति (रामविलास) पार्टी की सांसद शांभवी चौधरी ने बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण, सीएम नीतीश द्वारा युवाओं को रोजगार देने की घोषणा और जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बिहार और केंद्र सरकार युवाओं के हित में ठोस कदम उठा रही हैं।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस के साथ विशेष बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक करोड़ नौकरियों की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा, "यह युवाओं और महिलाओं के लिए एक सकारात्मक कदम है। बिहार सरकार हमेशा युवाओं और महिलाओं की आवश्यकताओं को गंभीरता से लेती है। एनडीए सरकार, चाहे केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में हो या बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में, युवाओं और महिलाओं को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने हाल ही में 51,000 सरकारी नियुक्तियों का उदाहरण देते हुए कहा कि यह सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
जस्टिस यशवंत वर्मा मामले को गंभीर बताते हुए शांभवी ने कहा, "यह महाभियोग प्रस्ताव देशहित में है। न्यायपालिका और सरकार का अलग होना आवश्यक है, लेकिन जस्टिस वर्मा के मामले में जो नकदी मिली, वह न्यायिक प्रणाली पर सवाल उठाती है।"
उन्होंने पक्ष और विपक्ष से एकजुट होकर इस प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील की। शांभवी ने कहा कि यह कदम न्यायपालिका की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर शांभवी ने कहा कि यह भारत की अखंडता के लिए महत्वपूर्ण है। बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के कई लोग मिले हैं, जिनके नाम मतदाता सूची में नहीं होंगे। जो भारत के नागरिक नहीं हैं, वे वोट कैसे दे सकते हैं? यह संशोधन इसलिए किया जा रहा है ताकि केवल भारतीय नागरिक ही मतदान कर सकें।"
शांभवी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बिहार और केंद्र सरकार युवाओं के हित में ठोस कदम उठा रही हैं।