क्या बिहार की जनता राजद का करेगी पिंडदान?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार की जनता ने राजद को नकारने का मन बना लिया है।
- राजीव रंजन ने राजद के सफाए की भविष्यवाणी की है।
- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महत्वपूर्ण होंगे।
- भारत-चीन संबंधों में सुधार की दिशा में प्रयास हो रहे हैं।
- राजद की 'वोटर अधिकार यात्रा' को जनता ने गंभीरता से नहीं लिया।
पटना, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता राजीव रंजन ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बयान पर तीखा जवाब देते हुए कहा कि बिहार की जनता इस बार राजद का पिंडदान करेगी।
लालू यादव ने पीएम मोदी के बिहार आगमन को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, "प्रधानमंत्री मोदी आज गया में नीतीश कुमार की राजनीति और उनकी पार्टी का पिंडदान करने आ रहे हैं।"
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बयान पर राजीव रंजन ने कहा कि बिहार की जनता इस बार विधानसभा चुनाव में राजद और उनके सहयोगी इंडी गठबंधन का पिंडदान करेगी।
राजीव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में दावा किया कि गया में एनडीए जनता के प्रति आभार प्रकट करने और तर्पण करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम पहले से ही स्पष्ट हैं, और जनता ने राजद का पूरी तरह सफाया करने का मन बना लिया है।
राजीव रंजन ने कहा कि बिहार की जनता राजद की ताबूत में आखिरी कील ठोकने को तैयार है।
भारत-चीन संबंधों पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते अब एक नई दिशा में बढ़ रहे हैं। लंबे समय से चले आ रहे तनाव में सुधार के लिए दोनों पक्षों से प्रयास हो रहे हैं।
अमेरिकी ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ के मुद्दे पर राजीव रंजन ने कहा कि यह सुनामी किसी भी देश को अछूता नहीं छोड़ रही है। हर देश को संभावनाएं और विकल्प तलाशने की स्वतंत्रता है। भारत-चीन और भारत-ब्राजील गर्मजोशी से नए रिश्तों को खोज रहे हैं। इसे देखा जाना चाहिए।
पीएम मोदी के बिहार आगमन को लेकर उन्होंने दोनों दिग्गजों के नेतृत्व और उपलब्धियों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मोदी और नीतीश की जोड़ी ने देश और बिहार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और उनकी यात्राओं से बिहार को कई विकास परियोजनाओं की सौगात मिली है।
उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' को विफल करार दिया है। उनका दावा है कि जनता अब विपक्ष को गंभीरता से नहीं लेती।