क्या बिहार मंत्रिमंडल ने 25 प्रस्तावों पर मुहर लगाई और मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार सरकार ने 3,303 नए राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति की है।
- आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय में वृद्धि की गई है।
- एलपीजी गैस आधारित शवदाहगृह की स्थापना की जा रही है।
- मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना के लिए 50 करोड़ रुपए स्वीकृत।
- 176 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 280 करोड़ रुपए स्वीकृत।
पटना, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार ने राजस्व और भूमि सुधार के क्षेत्रीय कार्यालयों में 3,303 अतिरिक्त राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति का निर्णय लिया है। बिहार मंत्रिमंडल की मंगलवार को आयोजित बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 25 एजेंडों पर मुहर लगाई गई।
बैठक में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है। अब सेविका को 9,000 रुपए और सहायिका को 4,500 रुपए मासिक मानदेय मिलेगा। इसके लिए सरकार ने 345 करोड़ 19 लाख रुपए की स्वीकृति दी है।
बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग ने पटना, गया, छपरा, सहरसा, भागलपुर और बेगूसराय में एलपीजी गैस आधारित शवदाहगृह की स्थापना के लिए ईशा फाउंडेशन को एक रुपए की टोकन राशि पर 33 वर्षों के लिए एक-एक एकड़ भूमि देने की अनुमति दी है।
इसके अतिरिक्त, बैठक में बिहार नगरपालिका विधि सेवा नियमावली 2025 और बिहार पशु एवं मत्स्य संसाधन (मत्स्य) सेवा भर्ती (संशोधन) नियमावली के गठन को भी स्वीकृति दी गई है।
मंत्रिमंडल की बैठक में 'मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना' के तहत राज्य के सभी 8,053 ग्राम पंचायतों में विवाह मंडप के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। वहीं, 'मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना' के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित स्ट्रीट लाइट की स्थापना के लिए 100 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
इसके अलावा, पंचायतों में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के बकाया विपत्रों के भुगतान के लिए 594 करोड़ 56 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसके साथ ही नीतीश मंत्रिमंडल की बैठक में 280 करोड़ रुपए 176 थानों में सीसीटीवी कैमरे, डैशबोर्ड निर्माण और भविष्य में नए थानों के लिए सीसीटीवी लगाने के लिए स्वीकृत किए गए।
बैठक में पटना शहर में जीविका मुख्यालय भवन बनाने के लिए 73 करोड़ 66 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई, जबकि राज्य के सभी प्रखंडों में जीविका को बेसहारा गोवंशीय पशुओं के संरक्षण और समुचित प्रबंधन का कार्य करने के लिए बिहार जीविका गोधन संरक्षण एवं प्रबंधन योजना पर भी मुहर लगाई गई।