क्या दिलीप जायसवाल के मंत्री बनने के बाद बिहार भाजपा अध्यक्ष बदलने की चर्चा तेज हो गई?
सारांश
Key Takeaways
- दिलीप जायसवाल का मंत्री पद की शपथ लेना महत्वपूर्ण है।
- भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएँ चल रही हैं।
- नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
- संगठन के लिए नए अध्यक्ष की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
- भाजपा का 'एक नेता एक पद' सिद्धांत लागू हो सकता है।
पटना, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में गुरुवार को एक बार फिर से सरकार का गठन हुआ है। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ-साथ बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी मंत्री पद की शपथ ली है, जिसके बाद प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष बदलने की चर्चा आरंभ हो गई है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल गुरुवार को एक बार फिर मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। ऐसे में भाजपा के 'एक नेता एक पद' सिद्धांत के अनुसार, उनकी जगह किसी नए नेता को बिहार में भाजपा संगठन की कमान सौंपने की बात चल रही है।
यह उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिलीप जायसवाल नीतीश कुमार के कैबिनेट के सदस्य रह चुके हैं, लेकिन बिहार भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें राजस्व मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस बार यह तय माना जा रहा है कि बिहार भाजपा को एक नया अध्यक्ष मिलने वाला है। नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। उनके साथ 26 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली है।
फिलहाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल विधान परिषद के सदस्य हैं। पिछले वर्ष सम्राट चौधरी के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद, दिलीप जायसवाल को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था। बाद में मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राजस्व मंत्री की जिम्मेदारी संजय सरावगी को सौंपी गई।
दिलीप जायसवाल के नेतृत्व में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करते हुए प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनने का गौरव हासिल किया है। कहा जा रहा है कि अगले कुछ सप्ताह में बिहार में नया प्रदेश अध्यक्ष देखने को मिल सकता है, जो संगठन और सरकार दोनों में संतुलन स्थापित करने में सक्षम हो। यह माना जा रहा है कि भाजपा ऐसे नेता को प्रदेश इकाई का दायित्व सौंपेगी, जो न केवल संगठन को मजबूती दे सके, बल्कि पार्टी की भविष्य की रणनीतियों को प्रभावी रूप से आगे बढ़ा सके।