क्या बिहार में सेनेटरी पैड वितरण अभियान पर जदयू का तंज उचित है?

सारांश
Key Takeaways
- राजनीतिक बयानबाजी का दौर तेज हो गया है।
- नीरज कुमार ने कांग्रेस पर तंज कसा है।
- कांग्रेस का अभियान महिलाओं की स्वास्थ्य जागरूकता पर केंद्रित है।
- बिना ठोस योजना के अभियान प्रभावी नहीं होते।
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता का महत्व है।
पटना, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में कांग्रेस पार्टी द्वारा आरंभ किए गए सेनेटरी पैड वितरण अभियान को लेकर राजनीतिक बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस अभियान पर तंज कसते हुए कांग्रेस पर वैचारिक दिवालियापन का आरोप लगाया है।
नीरज कुमार ने अपने बयान में कहा, "अंततः कांग्रेस पार्टी को क्या हो गया है? यह राजनीति में वैचारिक दिवालियापन और परिस्थितियों की समझ में कमी को दर्शाता है।"
उन्होंने आगे कहा, "अब जब चुनावी वर्ष आया है, तब बेटियां और महिलाएं कांग्रेस के लिए सम्मान और इज्जत का प्रतीक बन गई हैं। आप (कांग्रेस) प्रतीक के रूप में अपने बड़े नेता का चेहरा उस पैकेट पर लगाते हैं। ऐसे में परिस्थिति की समझ का अभाव होना, यह स्वाभाविक रूप से कांग्रेस पार्टी का राजद जैसे सहयोगी दल के साथ रहने का परिणाम है, जो राजनीति में लंपटई के लिए जानी जाती है। यही कारण है कि कांग्रेस पर उस संगती का असर दिख रहा है।"
ज्ञात रहे, नीरज कुमार का यह बयान तब आया है, जब बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने घोषणा की कि महिला कांग्रेस प्रदेशभर में 5 लाख महिलाओं को सेनेटरी पैड का वितरण करेगी और स्वास्थ्य जागरूकता फैलाएगी। नीरज कुमार के अनुसार, कांग्रेस को बिहार की जमीनी हकीकत और लोगों की आवश्यकताओं के बारे में जानकारी नहीं है या इस मुद्दे को समझने में कमी है। उन्होंने जोड़ा कि इस तरह के अभियान बिना ठोस योजना और गहरी समझ के केवल सतही प्रभाव डालते हैं।
वहीं, राजेश राम के अनुसार, कांग्रेस का यह अभियान महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। राजेश राम ने कहा था कि इस अभियान के तहत महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता गाँव-गाँव जाकर महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित करेंगी और मासिक धर्म स्वच्छता के साथ-साथ स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाएंगी। खासकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में, जहाँ मासिक धर्म को लेकर अब भी कई भ्रांतियाँ हैं।