क्या बिहार में 10 लाख युवाओं को नौकरी और 39 लाख को रोजगार देंगे नीतीश कुमार?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी और रोजगार का बड़ा अवसर।
- अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य।
- कौशल विकास के लिए नया विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा।
- उद्योगों में नौकरी के नए अवसर सृजित होंगे।
- राज्य सरकार का सुशासन और रोजगार के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण।
पटना, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में नौकरी और रोजगार एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनने जा रहा है। इसी क्रम में, रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जानकारी दी कि बिहार में अब तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और लगभग 39 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगले पांच वर्षों (2025 से 2030) में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सीएम नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नौकरी और रोजगार के संदर्भ में लिखा, "राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार मिले, यह हमारी प्राथमिकता रही है। वर्ष 2005 से 2020 के बीच राज्य में 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। हमने वर्ष 2020 में सुशासन कार्यक्रम 'सात निश्चय-2' के तहत 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का संकल्प लिया। इसे बढ़ाकर अगस्त 2025 तक 12 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 38 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया।"
उन्होंने आगे लिखा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि राज्य में अब तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और लगभग 39 लाख लोगों को रोजगार मिला है, और 50 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निश्चित रूप से हासिल किया जाएगा।"
आगामी पांच वर्षों की योजनाओं का उल्लेख करते हुए सीएम ने कहा, "हम अगले पांच वर्षों में (2025 से 2030) वर्ष 2020-25 के लक्ष्य को दोगुना करते हुए एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य बना रहे हैं। इसके लिए निजी, विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों में भी नए नौकरी और रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे।" इसके लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे लिखा, "वर्तमान में 'सात निश्चय' के तहत राज्य के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें कौशल विकास का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। अगले पांच वर्षों में युवाओं के कौशल विकास के लिए चल रहे कार्यक्रम को विस्तारित किया जाएगा। आने वाले समय में कौशल विकास हेतु एक कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, जिसका नाम बिहार के महान नेता भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के नाम पर रखा जाएगा, ताकि राज्य के युवाओं को कौशल विकास की नई दिशा मिल सके।"