क्या बिहार के गोपालगंज में 50 लाख रुपए की विदेशी शराब जब्त हुई? एक गिरफ्तार!
सारांश
Key Takeaways
- 50 लाख रुपए की विदेशी शराब जब्त की गई।
- शराब को आलू की बोरियों के नीचे छिपाया गया था।
- एक संदिग्ध तस्कर को गिरफ्तार किया गया है।
- बिहार में शराब पर प्रतिबंध 2016 से लागू है।
- अवैध शराब के कारोबार पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
पटना, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के आबकारी विभाग ने गोपालगंज में 50 लाख रुपए मूल्य की 4,006 लीटर भारत निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) की एक बड़ी खेप को जब्त किया है।
आबकारी अधिकारी के अनुसार, यह शराब सड़े हुए आलू की बोरियों के नीचे छिपाकर उत्तर प्रदेश से लाई जा रही थी। इस मामले में इस्तेमाल किया गया ट्रक भी जब्त कर लिया गया है और एक संदिग्ध तस्कर को गिरफ्तार किया गया है।
यह कार्रवाई राष्ट्रीय राजमार्ग-27 पर बलथरी चेकपोस्ट पर विशेष खुफिया सूचना के बाद की गई। आबकारी अधीक्षक अमृतेश कुमार झा को पता चला कि उत्तर प्रदेश से बिहार में भारी मात्रा में शराब भेजी जा रही है।
इस पर उन्होंने एक विशेष टीम गठित की और बलथरी चेकपोस्ट पर गहन वाहन जांच के आदेश दिए। इसी दौरान एक ट्रक आया, जिसमें सड़े हुए आलू भरे हुए थे।
आबकारी अधीक्षक ने कहा कि माल की स्थिति देखकर संदेह बढ़ गया और टीम ने तुरंत ट्रक को जांच के लिए रोका। जांच के दौरान चौंकाने वाला सच सामने आया। आलू की परतों के नीचे 4,006 लीटर विदेशी शराब की बोतलें छिपी हुई थीं। जब्त की गई शराब की कुल कीमत लगभग 50 लाख रुपए है।
उन्होंने पुष्टि की कि हिमाचल प्रदेश के शिमला निवासी ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में चालक ने बताया कि उसने लखनऊ में ट्रक को अपने कब्जे में लिया था और उसे बिहार में यह खेप पहुंचाने का निर्देश दिया गया था।
अधिकारियों का मानना है कि पूछताछ से तस्करी नेटवर्क, सप्लाई चेन और इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकती है।
आबकारी विभाग अवैध शराब के धंधे में शामिल नेटवर्क, बिहार में संभावित डिलीवरी पॉइंट और अन्य तस्करों व फाइनेंसरों की संभावित संलिप्तता की जांच कर रहा है।
बिहार में 2016 से शराब के व्यापार और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध है। फिर भी तस्कर शराब की खेप की तस्करी के लिए विभिन्न तरीके अपनाते हैं।