क्या बिहार अपराधियों के चंगुल में फंस गया है? : सुदामा प्रसाद

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क्या बिहार अपराधियों के चंगुल में फंस गया है? : सुदामा प्रसाद

सारांश

बिहार में गोपाल खेमका की हत्या के बाद सुदामा प्रसाद ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बिहार में अपराधी बेलगाम हैं और व्यापारी सुरक्षित नहीं हैं। इस स्थिति को लेकर भाजपा और सरकार पर भी तंज कसा गया है।

Key Takeaways

  • बिहार में हालात गंभीर हैं।
  • अपराधियों का राज चल रहा है।
  • व्यापारी वर्ग में भय का माहौल है।
  • सरकार को सुरक्षा की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
  • सुदामा प्रसाद ने गोपनीयता की मांग की है।

नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना में प्रसिद्ध उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या के मामले में नीतीश सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। सीपीआई (एमएल) के नेता सुदामा प्रसाद ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि बिहार अपराधियों के चंगुल में फंस गया है।

सुदामा प्रसाद ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि दिसंबर 2018 में गोपाल खेमका के बेटे की हत्या हुई थी। उन्होंने बिहार में हाल में हुई आपराधिक घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य में कानून का राज समाप्त हो गया है। यहां अपराधी शासन कर रहे हैं और व्यापारियों को गोलियों से भूनने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। व्यापारियों में भय का माहौल बना हुआ है।

उन्होंने बिहार में हुई कुछ घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि नवगछिया में किराना व्यापारी विनय गुप्ता की गोली मारकर हत्या की गई। बेगूसराय में एक व्यापारी की हत्या हुई। वैशाली जिले में 19 जून को अपराधियों ने दुकान में घुसकर 90 हजार रुपए लूटे और एक दुकानदार की हत्या कर दी। हाजीपुर और छपरा में व्यापारियों की हत्या की गई। उन्होंने कहा कि पटना में नेता प्रतिपक्ष के आवास के बाहर गोली चलाई गई। जब पटना में अपराधी मोटरसाइकिल पर सवार होकर खुलेआम फायरिंग कर सकते हैं, वीडियो बना सकते हैं और उसे वायरल कर सकते हैं, तो आप बिहार की स्थिति का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए, हम गोपाल खेमका की हत्या की कड़ी निंदा करते हैं।

सुदामा प्रसाद ने भाजपा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया कि जहां विपक्षी दलों की सरकार है, वहां अगर ऐसी घटनाएं होती हैं तो भाजपा के नेता तुरंत हमलावर हो जाते हैं। भाजपा की टीम बंगाल और तमिलनाडु तो जाती है, लेकिन बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर कोई टीम नहीं भेजी जाती। सवाल यह है कि बिहार के कानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा की कोई टीम क्यों नहीं जा रही है। उन्होंने गोपाल खेमका के परिजनों के लिए सुरक्षा की मांग की।

उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में चुप्पी तोड़ने की अपील की। उन्होंने बताया कि सीपीआई (एमएल) व्यवसायी सुरक्षा आयोग के गठन की मांग को लेकर 13 जुलाई को पटना के रविंद्र भवन में सम्मेलन आयोजित करेगी, जिसमें बिहार के सभी क्षेत्रों से व्यापारी शामिल होंगे। सम्मेलन में सुरक्षा के अलावा व्यापार में आई मंदी पर भी चर्चा की जाएगी।

Point of View

वास्तविकता यह है कि इस समस्या का समाधान निकालना जरूरी है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

बिहार के कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
सरकार को कठोर कदम उठाते हुए अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ानी चाहिए।
गोपाल खेमका की हत्या के बाद क्या हुआ?
इस हत्या के बाद बिहार सरकार और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
क्या सुदामा प्रसाद की बातें सही हैं?
सुदामा प्रसाद ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर गंभीर चिंता जताई है, जो कई लोगों का मानना है।