क्या कांग्रेस ने बिहार में '20 साल में विकास' को लेकर सही सवाल उठाए?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने '20 साल-20 सवाल' के माध्यम से सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की है।
- पटना साहिब में लगाए गए पोस्टर ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है।
- बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
पटना, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में सत्ता पक्ष लगातार विकास का दावा कर रहा है, जबकि कांग्रेस ने विकास को लेकर सवाल उठाने का सिलसिला जारी रखा है। कांग्रेस ने पिछले तीन दिनों से सत्ता पक्ष को घेरने के लिए प्रेस वार्ता आयोजित की है, जिसमें हर दिन '20 साल-20 सवाल' के तहत सवाल पूछे जा रहे हैं। इस दौरान, पटना साहिब में विकास के दावों को चुनौती देते हुए पोस्टर भी लगाए गए हैं।
विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी चुनावी रणनीतियों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। कांग्रेस ने अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने चार अक्टूबर से इस मुहिम की शुरुआत की।
कांग्रेस के नेता अभय दुबे और राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा ने भाजपा और जदयू से सवाल पूछे हैं, जिनमें आधारभूत संरचना, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी और रोजगार को प्रमुख मुद्दा बनाया गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य की सियासत में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। पटना साहिब में भी इसी प्रकार के पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें विधानसभा के स्पीकर और विधायक नंदकिशोर यादव से सवाल पूछे जा रहे हैं।
इन पोस्टरों में 'क्षेत्र में जनता' के रूप में निवेदक लिखा गया है। पटना साहिब में लगाए गए पोस्टरों पर नंदकिशोर यादव के 30 साल के जनप्रतिनिधित्व पर सवाल उठाए गए हैं। पोस्टर में लिखा है, "7 बार के विधायक से 7 सवाल। पूरे हुए 30 साल, फिर भी क्यों सिटी बदहाल?"
इसके अलावा, कई अन्य सवाल भी जनता द्वारा उठाए जा रहे हैं। इन पोस्टरों ने क्षेत्र में राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है और लोग सत्ता पक्ष के विकास के दावों पर सवाल उठा रहे हैं।
ध्यान देने योग्य है कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को होगा। चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव के लिए आयोग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।