क्या बिहार में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की उम्र को लेकर विवाद है?
सारांश
Key Takeaways
- सम्राट चौधरी पर उम्र को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।
- सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अयोग्य घोषित किया था।
- कांग्रेस ने झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया है।
- इस मामले का चुनावी राजनीति पर असर हो सकता है।
- सम्राट चौधरी ने 2010 में अपनी उम्र 28 साल बताई थी।
पटना, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शनिवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री और तारापुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी सम्राट चौधरी पर सुविधानुसार उम्र घटाने और बढ़ाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पहले से ही सम्राट चौधरी की डिग्री को लेकर विवाद और संदेह था, लेकिन अब उनकी उम्र को लेकर भी कई झूठ सामने आ रहे हैं।
सुप्रिया श्रीनेत ने पटना में एक प्रेस वार्ता में सम्राट चौधरी को भाजपा का पोस्टर बॉय बताते हुए कहा कि वे ऐसे 'मानव' हैं जो अपनी सहूलियत के अनुसार अपनी उम्र घटा-बढ़ा सकते हैं, ऐसी विशेषता और किसी में नहीं मिल सकती है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस चुनाव में सम्राट चौधरी ने अपने चुनावी हलफनामे में अपनी उम्र 56 वर्ष घोषित की है। उनके अनुसार, वे 1968 में पैदा हुए थे, लेकिन 16 अक्टूबर 2003 को सुप्रीम कोर्ट के निर्णायक ऑर्डर में सम्राट चौधरी का जन्म 1981 में बताया गया है, जिसके अनुसार उन्हें 44 साल का होना चाहिए था।
उन्होंने यह याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय ने सम्राट चौधरी को अयोग्य घोषित किया था और उस समय उनके निर्वाचन को रद्द किया गया था, जिसके कारण उन्हें मंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न्यायालय ने यह फैसला उनके बिहार सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड के एक सर्टिफिकेट के आधार पर सुनाया था। उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा बिहार में जादू से उम्र घटा-बढ़ा रही है, ऐसे में देखना है कि चुनाव आयोग क्या कदम उठाता है।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने 1995 में तारापुर में एक हत्याकांड का भी जिक्र किया, जिसमें सम्राट चौधरी की संलिप्तता सामने आई थी। उस समय उन्होंने लिखित में एफिडेविट देकर अपनी उम्र 15 साल बताई थी। इसी आधार पर उन्हें बेल मिली थी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 के हलफनामे में सम्राट चौधरी ने खुद को 28 साल का बताया था। ऐसे में वे आज 56 साल के कैसे हो गए? यह एक गुत्थी है।