क्या बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति 'गुंडाराज' की ओर बढ़ रही है?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।
- विपक्षी दलों का सरकार पर दबाव बढ़ रहा है।
- आठ हत्याओं का जिक्र करने वाले पोस्टर लगाए गए हैं।
- राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रिया इस स्थिति को और भी जटिल बना रही है।
- सरकार को सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है।
पटना, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर राजद से लेकर कांग्रेस तक कई विपक्षी दल लगातार प्रदेश में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। इस बीच, पटना के विभिन्न चौक-चौराहों पर 'बिहार में गुंडाराज' के पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें आठ हत्याओं का उल्लेख किया गया है।
पटना के जेपी गोलंबर, इनकम टैक्स चौराहा, वीरचंद पटेल रोड, बोरिंग रोड चौराहा जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाए गए ये पोस्टर किसके द्वारा लगाए गए हैं, इसका उल्लेख नहीं किया गया है। पोस्टर के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की तस्वीरें हैं, और लिखा गया है, 'बिहार में गुंडाराज', व्यापारियों पर कहर।
पोस्टर के चारों ओर बिहार में हाल ही में हुए आठ हत्याकांडों का विवरण तारीख के साथ दिया गया है, जिसमें मृतकों की तस्वीरें भी शामिल हैं। सबसे पहले उद्योगपति गोपाल खेमका की तस्वीर के साथ उनकी हत्या की तारीख का उल्लेख किया गया है।
इसी प्रकार, व्यवसायी दीपक शाह, मार्ट के मालिक विक्रम झा, शिक्षक संतोष राय, और बालू कारोबारी रमाकांत यादव की हत्याओं का भी उल्लेख किया गया है। इसके अलावा, पोस्टर में कारोबारी पुट्टू खान और वकील जितेंद्र मेहता की हत्या का भी जिक्र किया गया है, जिनकी 13 जुलाई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने मंगलवार को बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर कहा कि बिहार में गुंडाराज का माहौल है।
कांग्रेस नेता ने कहा, "बिहार देश का क्राइम कैपिटल बन गया है। यह तब से हुआ है, जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अस्वस्थ हुए हैं और बिहार की सरकार भाजपा चला रही है।"
ज्ञातव्य है कि सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए थे।