क्या बिहार में करमा पर्व की खुशी मातम में बदल गई? सात लोगों की डूबने से हुई मौत

सारांश
Key Takeaways
- करमा पर्व का महत्व और पारिवारिक एकता।
- स्नान करते समय सुरक्षा का ध्यान रखना आवश्यक है।
- गहरे पानी में जाने से पहले सावधानी
मुंगेर/पटना, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में बुधवार को करमा एकादशी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा था। लेकिन मुंगेर और नवादा जिले में यह खुशी मातम में बदल गई जब स्नान करने गए सात लोगों की पानी में डूबने से मृत्यु हो गई।
पुलिस के अनुसार, मुंगेर जिले में करमा पर्व पर स्नान करने गए एक ही परिवार के तीन أفراد की डूबने से जान चली गई। जानकारी के अनुसार, बरियारपुर प्रखंड अंतर्गत झौआ बहियार गांव के पासवान टोला निवासी मणिकांत पासवान के परिवार के चार सदस्य करमा के त्योहार के लिए गंगा स्नान करने गए थे।
स्नान के दौरान गहराई का सही अंदाजा न होने के कारण पहले एक बच्ची गहरे पानी में डूबने लगी। बच्ची को डूबते देख अन्य दो लोग भी गहरे पानी में गए। इस घटना में तीनों की डूबने से जान चली गई। मृतकों में मणिकांत पासवान की पत्नी लक्ष्मी देवी, उनका पुत्र निशीकांत कुमार और उनकी भतीजी प्रिया शामिल हैं।
सभी शवों को नदी से बाहर निकाल लिया गया है और पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। दूसरी ओर, नवादा जिले के पकरीबरावां प्रखंड अंतर्गत दत्तरौल गांव में करमा पूजा के दौरान कला तालाब में स्नान करते समय चार लोगों की पानी में डूबने से मृत्यु हो गई। सभी एक ही परिवार से बताए जा रहे हैं।
गांववासियों के अनुसार, कृष्णा पासवान के परिवार के सदस्य तालाब में स्नान करने गए थे। इस दौरान चार लोग गहरे पानी में चले गए और उनकी मृत्यु हो गई। मृतकों में कृष्णा पासवान की बेटी पूजा कुमारी, अंबिका कुमारी, कृष्णा पासवान के चाचा की बहू ज्योति देवी और उनकी पुत्री खुशी कुमारी शामिल हैं। इस घटना के बाद से गांव में गहरा शोक छा गया है।