क्या बिहार में राजस्व कर्मचारी और अनुमंडल कृषि पदाधिकारी रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुए?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की कार्रवाई
- राजस्व कर्मचारी और कृषि पदाधिकारी की गिरफ्तारी
- भ्रष्टाचार की शिकायतें बढ़ रही हैं
- गिरफ्तारियों से एक सशक्त समाज की उम्मीद
- भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है
पटना, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा घूसखोर अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी के तहत, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने मंगलवार को किशनगंज में एक राजस्व कर्मचारी को 2.50 लाख रुपए लेते हुए जबकि समस्तीपुर जिले में अनुमंडल कृषि पदाधिकारी और लिपिक को 40 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है।
इस संबंध में, ब्यूरो के एक अधिकारी ने बताया कि किशनगंज के खगड़ा गांव के निवासी अवैस अंसारी ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत की थी कि जमीन का परिमार्जन एवं रेंट तय करने के लिए राजस्व कर्मचारी द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है। इसी सूचना के आधार पर मामले की सत्यता की जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक विनोद कुमार पांडेय के नेतृत्व में एक धावादल का गठन किया गया।
धावादल ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए किशनगंज सदर अंचल में कार्यरत राजस्व कर्मचारी राजदीप पासवान को 2.50 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए किशनगंज अंचल कार्यालय के मुख्य गेट के सामने एक होटल से गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान अभियुक्त के पास से 20 हजार रुपए अतिरिक्त राशि भी बरामद की गई। अभियुक्त को पूछताछ के बाद निगरानी की विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
इधर, समस्तीपुर के दलसिंहसराय के अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राकेश कुमार और उसी कार्यालय में लिपिक ललन कुमार को 40 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों को दलसिंहसराय स्थित अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के कार्यालय कक्ष से गिरफ्तार किया गया। दलसिंहसराय के बसढ़िया गांव के निवासी प्रमोद कुमार ने इन पर बाजार समिति सब्जी मंडी में दुकान लगवाने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए निगरानी ब्यूरो में शिकायत की थी। इसके बाद ब्यूरो ने एक धावादल गठित किया था।