क्या बिहार में एसआईआर अभियान का पहला दौरा सफल रहा?

सारांश
Key Takeaways
- 1.5 करोड़ घरों में बीएलओ का दौरा
- 87% गणना फॉर्म वितरित
- 1 अगस्त 2025 तक नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया
- पारदर्शी और समावेशी प्रक्रिया
- राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी
पटना, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान तेजी से चल रहा है। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के निर्देश पर शुरू किए गए इस अभियान के तहत राज्य के लगभग 1.5 करोड़ घरों में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) का पहला दौरा पूरा हो चुका है।
24 जून तक पंजीकृत 7.90 करोड़ मतदाताओं में से 87 प्रतिशत से अधिक (लगभग 6.86 करोड़) गणना फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं।
निर्वाचन आयोग ने बताया है कि बीएलओ मतदाताओं के घरों में तीन बार जाएंगे, जिससे गणना फॉर्म वितरण और संग्रह के आंकड़े और बढ़ने की संभावना है। आंशिक रूप से भरे गए फॉर्म ईसीआई पोर्टल और ईसीआईएनईटी ऐप पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं, जिन्हें मतदाता स्वयं अपलोड कर सकते हैं।
इसके अलावा, विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1,54,977 बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) इस प्रक्रिया में सक्रिय सहयोग दे रहे हैं। 2 जुलाई तक भाजपा ने 52,689, राजद ने 47,504, जेडी(यू) ने 34,669 और कांग्रेस ने 16,500 बीएलए नियुक्त किए हैं। अन्य दलों में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (1,913), सीपीआई(एमएल)एल (1,271), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (1,153), सीपीआई(एम) (578), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (270), बीएसपी (74), एनपीपी (3) और आप (1) शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रत्येक बीएलए प्रतिदिन 50 प्रमाणित फॉर्म जमा कर सकता है। लगभग 38 लाख भरे और हस्ताक्षरित फॉर्म बीएलओ को प्राप्त हो चुके हैं, जो आयोग के “समावेशन सर्वप्रथम” के मंत्र के साथ कार्य कर रहे हैं। एसआईआर के तहत, 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए मतदाताओं को 25 जुलाई तक पूर्व-मुद्रित गणना फॉर्म जमा करना होगा। अपलोड किए गए फॉर्मों का सत्यापन शुरू हो चुका है और ड्राफ्ट सूची प्रकाशन के बाद 2 अगस्त से दावे और आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होगी। इसके बाद डीएम और सीईओ के पास अपील दायर की जा सकती है। आयोग ने आश्वासन दिया है कि कुछ वर्गों की आशंकाओं के बावजूद, यह प्रक्रिया पारदर्शी और समावेशी होगी, जिससे सभी पात्र मतदाताओं को शामिल किया जा सके।